पिछले महीने हुई अयोध्या में सियासत के बाद राम मंदिर लोकसभा चुनाव में अहम् मुद्दा बना हुआ है। राम मंदिर को लेकर सियासत गर्म है। इसी बीच योग गुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मंदिर के लिए बीजेपी को अध्यादेश लाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोगों का भाजपा (BJP) से विश्वास उठा जाएगा। भाजपा लोगों का भरोसा खो देगी।
बाबा रामदेव ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में संसद न्याय का सबसे बड़ा मंदिर है। भाजपा की सरकार है वह चाहे तो मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश ला सकती है। उन्होंने कहा कि करोड़ो लोग मंदिर को बनते हुए देखना चाहते हैं। भाजपा की सरकार होते हुए भी अगर मंदिर नहीं बनेगा तो पार्टी लोगों के बीच अपना विश्वास खो देगी।
राम मंदिर राजनीति का नहीं देश के गौरव का विषय है। 25 नवंबर को विहिप की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम में साधू संतों नें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राम मंदिर की मांग उठाई थी। वहीं कुछ दिन पहले RSS की ओर से पूरे देश में जनसमर्थन जुटाने के लिए रथयात्रा भी शुरू हुई है।
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नवजोत सिंह सिद्धू मांगेंगे माफी या गिर सकती है गाज, पंजाब में कैबिनेट बैठक आज
पिछले दिनों अपने पकिस्तान दौड़े के लिए विवादों में रहे पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू परेशानी में पड़ सकते हैं। वह अपनी ही सरकार के मंत्रियों के निशाने पर है। सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि उनके कैप्टन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। जिसके बाद पंजाब सरकार के कई मंत्रियों ने सिद्धू का इस्तीफा मांगा है। आज (सोमवार) पंजाब कैबिनेट की बैठक है, ऐसे में इस मुद्दे पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि सिद्धू या तो बयान वापस लें या माफी मांगे, अन्यथा मंत्री पद से इस्तीफे की बात भी मनवाई जा सकती है।
पंजाब सरकार के तीन मंत्रियों ग्रामीण एवं विकास मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा, राजस्व और पुनर्वास मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया और खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने सिद्धू पर हमला किया है। राज्य सरकार के करीब 10 मंत्री सिद्धू की बयानबाजी से खफा हैं। इसके अलावा मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का कहना है कि पंजाब की सभी गलियों में पोस्टर लगे हैं कि ‘पंजाब का कैप्टन हमारा कैप्टन’, यानी पंजाब वालों के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ही उनके मुखिया हैं।
एक ओर जहां आज पंजाब कैबिनेट की बैठक भी है, तो नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव प्रचार के लिए राजस्थान में हैं। सिद्धू आज नागौर में रहेंगे, यही कारण है कि वह बैठक में शामिल नहीं होंगे. हालांकि, आज वह रैली और प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
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नोटबंदी का चुनावों पर बिलकुल भी असर नहीं हुआ- पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने रिटायर होने के बाद कहा कि नोटबंदी के बाद भी चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कालाधन पहले से ज्यादा जब्त हुआ है। रावत ने कहा, ‘नोटबंदी के बाद यह सोचा गया था कि चुनाव के दौरान कालेधन का इस्तेमाल कम होगा लेकिन जब्ती से ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा। पुराने चुनाव की तुलना में उन्हीं राज्यों में ज्यादा कालाधन जब्त हुआ है।’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘इससे यह साफ पता लगता है कि राजनीतिक दलों और उनके फाइनेंसरों के पास धन की कोई कमी नहीं है. इस तरीके से इस्तेमाल होने वाला धन आमतौर पर काला धन ही होता है. चुनाव में काला धन इस्तेमाल होता रहा है, इसकी रोक के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.’
ओ.पी. रावत एक दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी जगह अब सुनील अरोड़ा ने ली है। अरोड़ा का बतौर सीईसी कार्यकाल अप्रैल 2021 तक का होगा। इस दौरान उनकी निगरानी में 2019 में आम चुनाव और सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, बिहार, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव होंगे।
अरोड़ा 30 अप्रैल 2016 को सूचना एवं प्रसारण सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अपनी 36 वर्षो की सेवा में उन्होंने राजस्थान व केंद्र सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं वह कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव, 2002 से 2005 के बीच इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक, एयर इंडिया, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य के रूप में कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
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पीएम मोदी को गोधरा कांड में क्लीनचिट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली
साल 2002 में गोधरा कांड में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 तक स्थगित कर दिया है। यह याचिका जाकिया जाफरी ने दायर की है जो कोंग्रेसी सांसद रहे एहसान जाफरी की पत्नी हैं। गोधरा कांड के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग में भी काफी हिंसा हुई थी। जिसमें एहसान की मौत हो गई थी। आज इस याचिका पर सुनवाई होनी थी।
27 फरवरी, साल 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई। जो लोग मारे गए उनमें अधिकतर कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए।
गोधरा कांड के अगले दिन दंगे शुरू हो गए। दंगों में 1000 लोगों के मारे जाने की खबर थी। अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 69 लोगों की हत्या कर दी गई। इनमें कांग्रेस सांसद जाफरी भी शामिल थे। घटना होने के बाद सोसाइटी से 39 लोगों के शव निकाले गए। घटना में मारे गए बाकी 30 लोगों के शव काफी तलाशने के बाद भी नहीं मिले। इसके करीब 7 साल बाद उन लोगों को मृत मान लिया गया।
याचिका दायर करने वाली जाकिया का आरोप है जब दंगाई सोसाइटी में आए तो उनके पति ने कई बड़े नेताओं और पुलिसकर्मियों को इस बात की जानकारी दी लेकिन कोई वहां नहीं आया। दंगों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मामले पर एसआईटी ने 8 फरवरी, 2012 को अपनी क्लोजर रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद मोदी और अन्य लोगों को क्लीनचिट दी गई। वहीं जाकिया की याचिका को दो बार ठुकराया जा चुका है। पहले दिसंबर, साल 2013 में उनकी याचिका को मेट्रोपॉलिटन मजिसट्रेट कोर्ट में ठुकराया गया। इसके बाद साल 2017 में गुजरात हाईकोर्ट में उनकी याचिका को ठुकराया गया।
सुप्रीम कोर्ट में जाकिया की याचिका पर तीन बार सुनवाई टल चुकी है। पहले उनकी याचिका पर 19 नवंबर को सुनवाई तय की गई थी। लेकिन बाद में समय की कमी के कारण सुनवाई 26 नवंबर को तय की गई। इसके बाद फिर कोर्ट ने कहा कि लिस्टिंग में कोई गलती हो गई है। आखिर में सुनवाई के लिए 3 दिसंबर की तारीख तय की गई। लेकिन अब दोबारा याचिका पर सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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यूपी कैबिनेट में 16 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा इंसेंटिव
कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा विभाग के तहत उत्तर प्रदेश निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत तीसरे संशोधन की मंजूरी पर मुहर लगा दी है। वहीं, बेसिक स्कूलों में शिक्षा स्तर की ग्रेडिंग कराने पर भी अपनी सहमति दे दी है।
– इसके अलावा प्रधानमंत्री की घोषणा के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बढ़े हुए मानदेय के अतिरिक्त 5 सौ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। हालांकि यह प्रोत्साहन राशि उन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ही मिलेगा, जो महीने मे कम से कम 25 दिन तक लगातार पोषण से संबंधित कार्य की होंगी। कैबिनेट की बैठक में इसे भी मंजूरी मिल सकती है। इससे करीब प्रदेश की पौने 4 लाख आंगनबाड़ी, सहायिकाएं व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभ होगा।
– बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3 से 6 साल के बच्चों को ताजा और गरम भोजन योजना को फिर से शुरू करने और सभी जिलों में ‘सबला किशोरी योजना’ को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर भी लगी सहमति की मुहर।
– गौतम बुद्ध नगर के निकट बन रहे जेवर एयरपोर्ट के टेंडर डॉक्यूमेंट के प्रस्ताव पर बनी सहमति।
– महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को परफॉर्मेंस लिंक इंसेंटिव दिए जाने का प्रस्ताव मंजूर।
– 3 से 6 साल के बच्चों को आईसीडीएस के तहत हॉट कुक्ड योजना के तहत मध्यान भोजन के उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए संचालित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी।
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लखनऊ, कानपुर व फैजाबाद सहित कई जेलों में औचक छापेमारी, आपत्तिजनक चीजें बरामद
रायबरेली जेल का वीडियो वायरल होने के बाद रविवार देर रात लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, फैजाबाद, नैनी और अलीगढ़ समेत कई जेलों में आकस्मिक छापामारी की गई। अचानक हुई छापामारी के चलते कैदियों में हड़कंप मच गया। जेलों के बैरकों में सघन तलाशी ली गई। छापे में कई आपत्तिजनक चीजें मिलने की सूचना है। इस छापामारी में जिला प्रशासन को शामिल नहीं किया गया।
जेलों में अपराधियों को सुविधाएं मुहैया कराने और मोबाइल के उपयोग जैसी सूचनाएं लगातार मिलती रही है। कई अपराधी जेलों से घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। बागपत जेल में तो एक बड़े अपराधी की हत्या भी हो चुकी है। इसे देखते हुए एसटीएफ जेल से गिरोह चलाने वाले शातिर अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। इसके साथ ही एसटीएम ने कारागार विभाग को भी कई बिंदुओं पर अमल करने की सलाह दी है।
प्रदेश में पिछले एक अरसे में होने वाली कई वारदातों की तफ्तीश में पता चला कि वारदात जेल में बंद अपराधी के इशारे पर हुई है। इसके बाद एसटीएफ ने पिछले कुछ समय से ऐसे बदमाशों पर नजर रखनी शुरू कर दी। एसटीएफ प्रदेश की कई जेलों में बंद बदमाशों की सूची तैयार कर समय-समय पर उसे अपडेट करती है।
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स्विस बैंक में धन छिपाने वाली दो भारतीय कंपनियों के नाम होंगे उजागर
स्विट्जरलैंड की सरकार ऐसी दो कंपनियों का नाम बताएगी जिनका रुपया उनके स्विस बैंक में में जमा है । स्विस सरकार इन कंपनियों से जुड़े तीन लोगों का नाम भी बताएगी। इन कंपनियों व लोगों के बारे में कई भारतीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। स्विस सरकार का संघीय कर विभाग जियोडेसिक लिमिटेड व आधी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के बारे में किए गए अनुरोधों पर भारत को ‘प्रशासनिक सहायता’ देने के लिए तैयार है।
इन दोनों कंपनियों में से एक की निगरानी सेबी कर रही है। दूसरी कंपनी का संबंध तमिलनाडु के नेताओं से होने की जानकारी मिली है। जियोडेसिक से जुड़े तीन लोगों पंकज कुमार ओंकार श्रीवास्तव, प्रशांत शरद मुलेकर और किरन कुलकर्णी के मामले में भी अनुरोध पर सहमति जताई गई है। हालांकि स्विट्जरलैंड सरकार ने इन लोगों के बारे में जानकारी और इनसे जुड़े विशेष विवरणों की जानकारी नहीं दी है।
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7 क्विंटल प्याज बेचकर मिले 1,118 रुपये, ये सच है
देश के किसान कितने बेहाल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सात क्विंटल प्याज बेचकर हाथ में 1,118 रुपये आए। देश भर के लाखों किसान दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करके अपनी मांगे पूरी होने की आस देख रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में भी ऐसे किसान हैं, जिनको फसल बेचकर भी उसकी लागत तक नहीं मिल पा रही है। महाराष्ट्र में किसान सूखे से जूझ रहे हैं। प्याज के दाम गिरने से यहां के किसान परेशान हैं। 1 किलो प्याज 1 रुपये में बेचने की नौबत तक आ गई है। सबसे बड़ा प्याज उत्पादक जिला नासिक है यहां के किसान सरकार से नाराज हैं। निफाड नैताले गांव का किसान संजय साठे भी उन्हीं नाराज किसानों में से हैं। निफाड तहसील के लासलगांव उपबाजार में किसान संजय साठे प्याज लाए थे। एक क्विंटल प्याज के लिए उन्हें 150 रुपये मिले हैं। खेती के साढ़े सात क्विंटल प्याज बेचकर अब उनके हाथ में 1,118 रुपये आए।
लेकिन इन रुपयों से प्याज की लागत भी नहीं निकल सकी। इस पर यह इस नाराज किसान पोस्ट ऑफिस चला गया। इसके बाद उसने प्याज बेचकर हुई 1,118 रुपये की कमाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मनी आर्डर कर दिया। पीएम मोदी को मनी ऑर्डर करने का डिजिटल बैनर भी उसने अपने ट्रैक्टर पर लगाया है।
प्याज उत्पादक किसान संजय साठे का कहना है की प्याज के दाम गिर रहे हैं। केंद्र सरकार को इसपर सोचना चाहिए। प्याज के गिरते दाम को लेकर केंद्र सरकार सूचित करने के लिए मैंने प्याज बेचकर मिली धनराशि को पीएम मोदी को मनी ऑर्डर कर दिया है। इस राशि को आपदा राहत कोष में दिया जाए।
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