-
लोक सेवा आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएँ लम्बे समय से कई कई बार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को ईमानदारी एवं निष्पक्ष रूप से सम्पन्न करा पाने में विफल होती रही हैं ।...
-
यह सच है कि देश तेज़ी से विकास कर रहा है पर अभी लंबा रास्ता तय करना है,यह ध्यान रखते हुए कि विश्व में विकास की मंज़िल उत्तरोत्तर आगे बढ़ती...
-
हम सभी जानते हैं कि सतही स्तर पर किए गए बदलाव कभी भी वांछित परिवर्तन और सुधार लाने में सफल नहीं हो सकते । यह भी सर्वविदित है कि नयी...
-
विशाल कोचिंग संस्कृति जो आज देश में फल-फूल रही है, यह यूपीएससी के प्रश्न पत्र तैयार करने वालों द्वारा ऐसे जटिल प्रश्न पूछने की नासमझी का परिणाम है जो किसी...
-
इस तथ्य को कोई भी न्यायालय कैसे नज़रंदाज़ कर सकता है कि विवादास्पद शराब नीति को दिल्ली सरकार की कैबिनेट जिसके मुखिया स्वयं केजरीवाल हैं , के द्वारा स्वीकृति प्रदान...
-
सोचने की बात यह है कि जब इन्हीं मोदी के नाम पर हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड , मध्य प्रदेश , ओड़िसा में शत प्रतिशत सीटें भाजपा को मिलीं तो उत्तर...
-
आजादी के बाद से देश और उसके राज्यों ने कई पार्टियों की कई सरकारों को देखा परखा लेकिन सभी जाने अनजाने एक चीज़ पर हमेशा एक राय दिखे कि भ्रष्टाचार...
-
हमारे देश के हर राज्य, हर हिस्से में लोग, चाहे सत्ता में कोई भी पार्टी हो, अभी भी भ्रष्ट नौकरशाही और पुलिस के हाथों पीड़ित हैं। कोई भी राजनीतिक दल...
-
दिल्ली शराब घोटाले के बारे में शुरू से ही यह स्पष्ट था कि मुख्यमंत्री केजरीवाल इसके लिए सीधे सीधे ज़िम्मेदार हैं और घोटाले के किंगपिन हैं क्योंकि जब कभी किसी...
-
अब मुट्ठी भर लोगों के पास लगभग सभी संपत्तियां हैं और दुनिया भर में अरबों लोगों के लिए लगभग कुछ भी नहीं बचा है। वर्तमान आर्थिक संस्कृति इतने विषम स्तर...
-
क्या सूरत और इंदौर के मतदाता चुनाव के माध्यम से अपने संसद को चुनने के अधिकार को नकारने वाली प्रवृत्ति को चुनौती दे सकते हैं ? भारतीय संविधान की प्रस्तावना...
-
सरकार अगर गारंटी दे तो बात फिर भी समझ में आती है। मगर किसी व्यक्ति के द्वारा गारंटी दी जाए, जो वह सरकार में पद धारक होने की वजह से...
-
देश में अभी तक बहुत ऐसे मुद्दे नहीं हुए हैं जिस पर जनता में गंभीरता से व्यापक चर्चा हुई है। हाल के दिनों में भारत सरकार द्वारा लाये गए तीन...
-
मेरी राय में सबसे महत्वपूर्ण संकल्प स्थानीय सरकार को मजबूत करने के दृष्टिकोण से राजकोषीय स्वायत्तता और स्थिरता सुनिश्चित करने से संबंधित है। जहाँ भारतीय जनता पार्टी ने इसकी कोई...
-
यदि आप भारत के दो प्रमुख दलों के घोषणा पत्रों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तो यह पाएंगे कि सत्तारूढ़ दल ने अपने घोषणा पत्र को मोदी की गारंटी के रूप में...
-
क्या चमकती आठ लेन एक्सप्रेसवे, रात के अँधेरे में रंग बिरंगी रोशनी से रोशन बहुमंजिला इमारतें, महंगी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, हवाई अड्डे विकास के पर्याय बन गए हैं ? क्या...
-
सबसे बड़ा प्रश्न आज देश के सामने यह है कि इस तरह की असंवैधानिक और गोपनीयता भारी स्कीम राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए लेन का उद्देश्य क्या था...
-
दुर्भाग्यवश,देश में दिखावे की परंपरा प्रभावी रही है,तथा आज शिक्षा-क्षेत्र भी इस से अछूता नहीं रहा है।दुख इस बात का है कि नीति-निर्धारकों से लेकर नीति-अनुपालनहार तक,कहीं भी इस परंपरा...
-
सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि आज भी देश में 80 करोड़ लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए पाँच किलो अनाज देने की व्यवस्था सरकार को करनी पड़...
-
दुनिया के तमाम देशों में वर्षों से धर्म के नाम पर सत्ता में बने रहने का खेल खुल कर खेला जाता रहा है लेकिन यह भी एक सत्य है कि...
-
जनतंत्र के संचालन में,जनसाधारण की अरुचि के परिणाम स्वरूप,जनतंत्र असुरक्षित रहा और राजनेताओें ने जनतंत्र का अपहरण बड़ी आसानी से कर लिया है।जनता के प्रतिनिधि अब अपने को जनता का...
-
अपनी IAS में साढ़े सैंतीस वर्षों के कार्य काल के दौरान, कुछ अपवादों को छोड़ कर , अधिकांश ईमानदार अधिकारी जो रिश्वत ना खाने के लिए जाने जाते थे ,...
-
पर्यावरणीय समस्या एक गंभीर समस्या है जिसके संदर्भ में ऐसे जलसे एक मज़ाक़ है,समस्या का हल नहीं है।कहने का तात्पर्य यह है कि जिस कार्यक्रम की सफलता के लिए,बरसों तक...
-
प्रो. एच सी पांडे ‘शमाएँ जलाओ सरे-राह मगर, रात को रात,अंधेरे को अंधेरा तो कहो। क़ाफ़िले-हक़ की हिमायत न करो लेकिन, चोर को चोर,लुटेरे को लुटेरा तो कहो।’ आज का...
-
विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों द्वारा चुनावों में करोड़ों रुपये का खुलेआम खर्च करना एक आदर्श बन गया है। इस सत्य को अब झुठलाया नहीं जा सकता. चुनावों में...
-
प्रश्न यह है कि हमारे देश में इस तरह के बड़े बड़े घोटाले क्यों होने दिए जाते हैं ?इसका उत्तर बहुत आसान है, जब राजनीतिक दल और राजनेता चुनाव जीतने...
-
पूर्व आईएएस अधिकारी वी.एस.पांडेय का कहना है कि आजादी के कई दशकों के बाद भी हम भ्रष्ट देशों की श्रेणी में बने हुए हैं और अपने लोगों को स्वच्छ, ईमानदार...
-
जब आज देश में बिना किसी अपवाद के सरकार के हर अंग में भ्रष्टाचार व्याप्त हो , तो इस परिदृश्य में कौन चुनावी सत्ता जीतेगा और कौन हारेगा, यह हमारे...
-
दुर्भाग्य से, हमारी लगातार गिरती शिक्षा प्रणाली के इस परिदृश्य के बारे में सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं - जिसके कई कारण हैं। निस्संदेह, हमारी प्रतियोगी और प्रवेश...
-
वर्तमान दिल्ली सरकार के घोटाले बेशर्म लूट का उदाहरण हैं। वर्तमान दिल्ली सरकार द्वारा 400 से अधिक फर्जी नियुक्तियों की कहानी झूठ और धोखे की एक आश्चर्यजनक गाथा है। यह...
-
वर्तमान की दलबदल की गाथा की निंदा करने वालों को इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि क्या वे एक समय में कुशलतापूर्वक सत्ता हथियाने का वही खेल...
-
यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं की वर्तमान प्रारंभिक परीक्षा इस स्तर तक पहुंच गई है कि अब विशेषज्ञ इन परीक्षाओं को एक प्रकार की लॉटरी कहते हैं, जहां सफल...
-
मणिपुर में जारी हिंसा के मामले में अब समय आ गया है कि निष्पक्षता से कार्रवाई कर और कड़े कदम उठाकर हिंसा को जल्द खत्म किया जाए। आबादी के सभी...
-
उत्तर प्रदेश राज्य में काम करने के दौरान, मैंने सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करके निर्मित किए गये मेडिकल कॉलेजों को खाली पड़े देख और इन मेडिकल कॉलेज भवनों के निर्माण...
-
इन तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता के बावजूद, ऐसा लगता है कि हमारी रेल प्रणाली उन्हें इष्टतम रूप से अपनाने में विफल रही। यह भयानक टकराव दर्शाता है कि इन तकनीकों...
-
जब तक महिलाएं आर्थिक विकास में बड़े पैमाने पर योगदान देना शुरू नहीं करतीं, तब तक समृद्धि और विकास लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सकता है। सभी विकसित देशों...
-
चुनाव लड़ने वाले दलों के चल रहे चुनाव प्रचार में आज और अब भी जाति, धर्म और मुफ्तखोरी ही मुख्य आधार बना हुआ है। अपने घोषणापत्रों में उल्लिखित नीतियों और...
-
ईमानदार और सैद्धांतिक शासन ही बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगा ना कि हमारे अतीत का पुनर्लेखन ।हम आज जो बोएंगे, वही भविष्य में काटेंगे। अतीत में हमारे इतिहास की...
-
हमारी आबादी का एक और वर्ग जो विभिन्न प्रकार के भेदभाव और दमन का शिकार हुआ है, वह महिलाएं हैं जो हमारी आबादी का लगभग 50 प्रतिशत हैं। हालांकि वे...
-
पूर्व आईएएस अधिकारी वी एस पांडे कहते हैं केजरीवाल के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए और कुछ भी नहीं है सिवाय इसके कि सिसोदिया या अन्य से प्रवर्तन...
-
ऐसा लगता है कि अपने करीबी और सहयोगी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से अरविंद केजरीवाल डरे हुए हैं और आबकारी घोटोले को लेकर सीबीआई और ईडी की जांच के परिणाम...
-
प्रो. एच सी पांडे रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून, पानी बिना न उबरे मोती,मानस,चून। विश्व में जलसंकट लगातार बढ़ता जा रहा है और कहा जा रहा है कि शायद...
-
पूर्व आईएएस अधिकारी वीएस पांडे कहते हैं यह तथ्य सर्वमान्य है कि सत्ता और उसकी शक्ति लोगों को बदल देती है। जब लोग किसी राजनीतिक दल में शामिल होते हैं,...
-
वी एस पांडेय कहते हैं किसी भी समय या काल खंड में रहने वालों को यह बात कभी भी नहीं भूलनी चाहिए कि विघटनकारी सोंच को लेकर देश को सफलता...
-
देश का युवावर्ग,आज़ादी के आठवें दशक में,दिग्भ्रमित हो गया है।एक तरफ़ घोर नैराश्य तथा यह मान लेना कि कुछ भी संभव नहीं है,अत:,दम मारो दम।दूसरी ओर गहराता क्षोभ व भड़कता...
-
स्वार्थों के टकराव को लोकहित का मुखौटा पहनाना हमारे राजनैतिक दलों की मुख्य गतिविधि रही है।किसी भी परिस्थिति में,किसी भी राजनैतिक पार्टी का हित,देश के हित के ऊपर नहीं हो...
-
वी एस पांडेय कहते हैं अगर आज कुछ दिनों से अदानी का मामला सदन में हंगामे का कारण बना है तो इससे पहले किसी और का मामला था और उससे...
-
वी एस पांडेय और प्रोफेसर एच सी पांडे कहते हैं कि चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों के लिए विकास के ठोस कार्यक्रम पेश करने और जरूरी प्रयासों को रेखांकित...
-
पूर्व आईएएस अधिकारी वी एस पांडे कहते हैं आज धन सृजन पहले से कहीं अधिक तेज गति से हो रहा है। यह सच है लेकिन क्या देश सिर्फ अमीरों और...
-
अब नए साल में कई विधान सभाओं के चुनाव होने हैं और इन सभी राज्यों में राजनीतिक घमासान शुरू हो चुका है । और इसी के साथ शुरू हो चुका...
-
कहने को तो आजादी के बाद से सभी सरकारें अन्याय, असमानता, गरीबी और भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं लेकिन अफसोस देश की राजैतिक एवं...
-
नए साल में कुछ ख़ास बदलाव हो पाए गा , इसकी सम्भावना अत्यंत न्यून लगती है। आज के हालातों पर अगर गौर किया जाये तो निराशा ही हाथ लगती दिखती...
-
प्रो. एच सी पांडे जब समाज ऐसे स्तर पर पहुँचता है,जहां ज़मीन-जायदाद,प्रतिष्ठा निश्चित करे,सद्गुणों का आधार,केवल सम्पत्ति हो,दाम्पत्य-सूत्र,केवल वासना हो,जीवन में सफलता का आधार,केवल फ़रेब हो,विषय-भोग ही,केवल आनंद का साधन...
-
यह सभी नागरिकों के लिए चिंता का विषय है कि वैश्विक राजनीतिक अधिकारों और स्वतंत्रता पर अपनी हालिया रिपोर्ट में, फ्रीडम हाउस ने भारत को एक स्वतंत्र लोकतंत्र से "आंशिक...
-
क़ानून के विपरीत जा कर, और बिना विधि द्वारा स्थापित व्यवस्था का पालन किए बुल्डोज़र का प्रयोग करके किसी तथाकथित दोषी का मकान गिरा देना या उसकी सम्पत्ति को नुक़सान...
-
सांसदों को समझना चाहिये कि कोई भी जन-समूह,कहीं भी,कभी भी,हर विषय पर,शत-प्रतिशत एकमत नहीं होता अतः प्रणाली को बहुमत से चलना होता है प्रो. एच सी पांडे बात-बात पर हाथ...
-
पूर्व आईएएस अधिकारी वी एस पांडे कहते हैं कि अभद्र भाषा, जो हाल ही में हमारे सार्वजनिक प्रवचन में आदर्श बन गई है, हमारे दार्शनिक/आध्यात्मिक विचारों में कोई स्थान नहीं...
-
सत्ता कोई जादू की छड़ी नहीं है कि हवा में घुमाई और सब कुछ टीक हो गया।सदियों से इकट्ठी,सामाजिक,आर्थिक तथा विकास की समस्याओं के निदान में,दशकों के समय के साथ-साथ,...
-
हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा और भड़के हुए विवाद एक अशुभ संकेत हैं। ये घटनाएं देश के लोगों के लिए जाति, धर्म, भाषा, जातीयता आदि पर आधारित विभाजनकारी राजनीतिक...
-
आज संसद और विधान सभाओं में आधे से अधिक सदस्यों की अपराधिक मामलों में तथाकथित संलिप्तता है।सदनों में उनका काम,नेताओं के इशारों पर,शर्मनाक बयान,हंगामा और नारेबाज़ी करना है।उनका दोष नहीं...
-
राजनीति में सक्रिय रहने के दो उपाय हैं। श्रम अथवा भ्रम।देश की गर्म आबो-हवा में,कड़ी धूप में,खड़े होकर,श्रम करने का कष्ट कौन उठायेगा जब कि वातानुकूलित कक्षों में,सोफ़ा में बैठ...
-
प्रशासन,संविधान के तहत बनाये नियमों परिनियमों की सीमाओं में रह कर प्राय: सभी कुछ कर सकता है।अधिकारी का कार्य नियम क़ानून के तहत जन-समस्याओं का समाधान निकालना है न कि...
-
विकास और भ्रष्टाचार का परस्पर विपरीत संबंध है और सिर्फ एक ईमानदार देश ही विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने की उम्मीद कर सकता है। वी.एस.पांडे उन्नत ज्ञान को...
-
साधु का अपना जीवन सरल,आडंबरहीन,व मायामोह रहित हो तभी वह प्रभावी होगा अन्यथा नहीं। धूर्तता तथा पाखण्ड के कृत्य,समाज का,साधु-संतों में,विश्वास तोड़ देते हैं,और,संत-समाज,अपने आप मे निरर्थक हो जाता है।धूर्त,पाखण्डी...
-
संसद के भीतर और बाहर,विपक्ष,अटका हुवा पहिया बना हुवा है।विपक्ष,यह नहीं समझ रहा है,कि उसका कार्य,प्रगति को रोकना नहीं वरन उसे सही दिशा देना है। प्रो. एच सी पांडे विकास...
-
राजनैतिक दल के कार्यकर्ता समझते है कि यदि उद्गम स्वच्छ है तो डुबकी लगाने में क्या नुक़सान ? यथार्थ यह है कि एक डुबकी लगाई नहीं कि आपके विचार प्रदूषित...
-
जनता स्वयं ही स्वामी है और स्वयं ही सेवक है।तात्पर्य यह है कि जनता को,अपने ही बल-बूते पर,अपने ही श्रम से,देश की समस्याओं का निराकरण करना है। प्रो एच सी...
-
सरकार किसानों को अपनी बातों से संतुष्ट कर दे और ऐसा न हो पाने कि स्थिति में उन कानूनों को जिनका कि विरोध हो रहा हैं , उन्हे वापस लेकर...
-
हमारे देश का मिज़ाज लोकतांत्रिक है हम सार्वभौमिक भाईचारा और सह-अस्तित्व के सिद्धांत पर चलते रहे हैं अछे लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी प्रजातंत्र को बेहतर माना जाता है वासिंद्र मिश्रा...
-
उम्मीद की जा रही थी कि यह बजट रोजगार परिदृश्य को बेहतर बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आयकर रिटर्न दाखिल करने में पचहत्तर वर्ष की...
-
कोई भी आंदोलन सत्ता के विरुद्ध ही होता है और यदि सत्ता के सभी नियम मान लिए जाएँ तो सत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ऐसा इतिहास के पन्नों की...
-
समय आ गया है कि सरकार कृषि संकट के मुद्दे को समग्र रूप से देखे और सुधारात्मक कदम उठाए। सरकार को अपनी कृषि उत्पादन को खरीद करने वाली मशीनरी को...
-
दिनेश दुबे दलितों और पिछड़ों की रहनुमाई करने वाली बसपा सुप्रीमों मायावती लगता है अब बहुजनों की बहिन जी न रहकर सत्ता और 'सरकार' की हो गईं हैं ? जन्म...
-
एनएचएआई अधिकारियों को नितिन गडकरी ने "निकम्मा और भ्रष्ट" कहा वी एस पांडे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के...
-
राजेन्द्र द्विवेदी नेताओं को शर्म आनी चाहिए कि मजदूर नंगे, भूखे, छोटे-छोटे बच्चों के साथ अपने घर जाने के लिए छटपटा रहे है। दूसरे राज्यों से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर...
-
राजेन्द्र द्विवेदी पिछले 55 दिनों से भी अधिक समय से पूरे देश भर में लाखों लाख मजदूर अपनी बेबसी के साथ छोटे-छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं को लेकर नंगे भूखे चिलचिलाती...
-
अरुण कुमार त्रिपाठी जब कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार की ओर से बिना विचारे किए गए लाकडाउन के कारण लाखों मजदूर घनघोर कष्ट सहकर शहरों से...
-
राजेन्द्र द्विवेदी देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो श्रम शक्ति को महत्त्व देना होगा। अगर श्रम शक्ति को महत्व नहीं दिया गया तो कोई भी कार्ययोजना कितनी भी बेहतर बनाई...
-
राजेन्द्र द्विवेदी महाभारत की लड़ाई जीतकर पांडव मृत शैया पर पढ़े हुए भीष्म पितामह से मिलने जाते हैं। श्री कृष्ण भगवान भीष्म पितामह से अनुरोध करते हैं कि पांडवों कैसे...
-
डॉक्टर अनिल चतुर्वेदी प्रधानमंत्री ने अपने नये नारे में भारतीय दर्शन का समावेश करते हुए बड़े ही आध्यात्मिक शब्दों में जनता को सन्देश देना चाहा है कि कोरोना महामारी के...
-
प्रेम सिंह तालाबंदी के डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी देश-व्यापी स्तर पर मेहनतकश मजदूरों की दुर्दशा का सिलसिला थमा नहीं है. हर दिन भूख, जिल्लत और अपने ही...
-
दवा से ज्यादा शराब की दुकाने गरीब और किसानों के लिए शराब अभिशाप, कानून व्यवस्था के लिए चुनौती कोरोना युद्ध की लड़ाई कमजोर पड़ी सोशल डिस्टन्सिंग का मखौल उड़ा विपक्ष...
-
राजेन्द्र द्विवेदी कोरोना युद्ध की लड़ाई में देश के सामाजिक, आथिर्क एवं जीवन के अन्य कई क्षेत्रों में व्यापक बदलाव किया। साथ ही यह भी साबित कर दिया कि अगर...
-
अरुण कुमार त्रिपाठी कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इसी सूत्र को थोड़ा बढ़ाकर कहा जाए तो कहना पड़ेगा कि वैश्विक आपदा या महामारी वसुधैव कुटुंबकम की...
-
राजेन्द्र द्विवेदी दुनिया में कोरोना वायरस तबाही मचायी है। 35 लाख से अधिक कोरोना पॉजिटिव और दो लाख से अधिक मौते हो चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति कोरोना वायरस से...
-
डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा करते आ रहे है कि चीन के वुहान शहर के लैब से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला जिसने...
-
राजेन्द्र द्विवेदी मजदूरों की घर वापसी सबसे अच्छा समाधान है। तो समस्या भी बहुत है। जिस तरह से कोरोना का गांव में भय दहशत पैदा हो गया है। ऐसे में...
-
राजेन्द्र द्विवेदी, कोरोना वायरस को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्ध घोषित किया है। देश के राजनीतिक दल नौकरशाह एवं राष्ट्रभक्त तथा मीडिया और कुछ प्रतिशत जनता इसे गंभीरता से नहीं...
-
डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता लखनऊ; दिनांकः 29.04.2020 कोरोना महामारी से देश में सबसे अधिक गरीब एवं मजदूर सियासत के शिकार हो रहे है। जिस तरह से मजदूर लॉकडाउन में...
-
राजेन्द्र द्विवेदी आजादी के बाद देश कोरोना वायरस जैसा एक घातक लड़ाई लड़ रहा है जिसमे हथियार का उपयोग नहीं हो रहा है। हथियारों की लड़ाई में तो एक दूसरे...
-
डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में प्रियंका वाड्रा जिस तरह से तानाशाही सियासत कर रही है उससे पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है। कांग्रेस का...
-
डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता लखनऊ, महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष ने यह साबित कर दिया सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता। सत्ता पाने की लालसा ऐसी होती है...
-
डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जिस दिशा में प्रियंका गाँधी ले जा रही हैं उससे तरह तरह के सवाल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ही उठने शुरू...
-
डेली न्यूज़ एंड व्यूज नेतृत्व प्रबंध संपादक: डॉ स्मिता पांडे मुख्य संपादक: मसूदुल हसन संपादकीय बोर्ड के सदस्य: विजय शंकर पांडे (पूर्व सचिव भारत सरकार ) प्रोफेसर (डॉ) हरीश चंद्र...
-
डा० एच० सी० पाण्डे चुनाव महोत्सव का आग़ाज़ हो चुका है और सारे राजनैतिक दल,रोज़,रोज़ नये वादे कर रही है।लोक लुभावन वादों की बरसात हो रही है,इतनी ज़्यादा कि डर...
-
राजेन्द्र द्विवेदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक आदर्श नेता के रूप मिसाल कायम की है। प्रधानमंत्री देश के पहले नेता है की जिन्हे अपनी सरकार की गलतियों का एहसास है। बार...
-
लीना पाण्डेय आंखों में ढेर सारी ख्वाहिश दिल में ढेर सारी बंदिशें, ख्वाबों ने की उड़ान भरने की तैयारी, विश्वास नेकहीं कोने किसी डर को पकड़ा, तोड़कर उस डर की...
-
अर्बन मिरर संपादकीय कल प्रधान मंत्री ने दिल्ली में झाड़ू लगाकर पुनः स्वच्छता अभियान की शुरूवात की। ऐसा ही दो अक्टूबर २०१४ को भी काफ़ी प्रचार प्रसार के साथ देश...
-
वी.एस.पाण्डेय पूर्व सचिव भारत सरकार हमारे देश में 70 वर्षों की लोकतांत्रिक व्यवस्था के दौरान राजनीति के क्षेत्र में तमाम प्रयोग किये गये। स्वतन्त्रता के पश्चात देश का शासन चलाने...
Get Newsletter
Subscribe to our newsletter to get latest news, popular news and exclusive updates.