बैंक से ऋण लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या ने फिर एक बार भारतीय बैंकों का कर्ज चुकाने का ऑफर दे रहे हैं। उसने ट्वीट कर बताया कि वह बैंकों का 100 प्रतिशत मूलधन देने को तैयार हैं। बुधवार को उसने ट्वीट कर बताया कि भारत में मीडिया और नेता उसके खिलाफ गलत रिपोर्ट चला रहे हैं, लेकिन उसने जो कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने लोन चुकाने का प्रस्ताव दिया था। इसके बारे में कोई चर्चा नहीं करता। माल्या ने बताया कि वह अब भी पूरा लोन चुकाने को तैयार हैं, लेकिन सभी बैंक तैयार हो जाए।
माल्या ने ट्विटर पर लिखते हुए बताया कि नेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे ऐसा डिफॉल्टर बताने से नहीं चुक रहे हैं। वे लगातार बता रहे हैं कि सरकारी बैंकों का पैसा लेकर भाग गया। यह सब झूठ है। मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जा रहा है और मैंने कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने ऋण सेटलमेंट की योजना बनाकर पेश की थी उस पर चर्चा नहीं की जा रही है।
आपको बताते जाए कि माल्या अभी ब्रिटेन में रह रहा है। उसने आयकर के माध्यम से सरकारी खजाने में अपने योगदान का भी हवाला दे चुके हैं।
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नेशनल हेराल्ड केस में राहुल-सोनिया के खिलाफ जारी रहेगी आयकर जांच, SC की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में आयकर विभाग को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नांडिस के 2011-12 के टैक्स दस्तावेज की दोबारा जांच की मंजूरी दी। हालांकि, कोर्ट ने अभी इस मामले में कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 8 जनवरी, 2019 की तारीख तय की है। हाईकोर्ट ने सितंबर में दोनों के आयकर दस्तावेजों की दोबारा जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सोनिया और राहुल गांधी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
राहुल और सोनिया गांधी को कोर्ट से बड़ा झटका…
इससे पहले 13 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट की ओर से राहुल और सोनिया गांधी को बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से उन्हें जारी नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि कोर्ट सोनिया और राहुल की याचिका को सुनने के लिए तैयार हो गया था।
हाईकोर्ट ने भी कर दिया था राहत देने से इनकार…
वहीं, 10 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि आयकर विभाग को टैक्स प्रक्रिया की दोबारा जांच करने का अधिकार है। अगर याचिकाकर्ताओं को कोई शिकायत है तो इसके लिए वे विभाग के पास जा सकते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले को दोनों नेताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया से जुड़े ‘टैक्स एसेसमेंट’ की दोबारा जांच के आयकर विभाग के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।
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अंबानी, नीरव, ललित, मेहुल चोकसी की जय कहें मोदीः राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के अलवर में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमले किए। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री हर भाषण से पहले कहते हैं, ‘भारत माता की जय।’ जबकि उन्हें इसके बजाय ‘अनिल अंबानी की जय’, ‘मेहुल चोकसी की जय’, ‘नीरव मोदी की जय’, ‘ललित मोदी की जय’ कहना चाहिए। अगर आप भारत माता की बात करते हैं तो आप हमारे किसानों को कैसे भूल सकते हैं। उन्होने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने कभी अपने भाषणों में राफेल डील का उल्लेख नहीं किया है, वह डरते हैं कि यदि वह इस पर बात करते हैं तो लोग ‘चौकीदार चोर है’ चिल्लाने लगते हैं।
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बुलंदशहर हिंसा- केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं’, यह घटना एक बड़ी साजिश-DGP ओपी सिंह
बीते दिनों बुलंदशहर में हिंसा हुई। इस लेकर पुलिस महानिदेशकओपी सिंह का एक बड़ा बयान सामने आया है। ओपी सिंह कहा कि बुलंदशहर की घटना एक बड़ी साजिश हैं। यह मुद्दा केवल कानून और व्यवस्था का नहीं है। मवेशियों के शव कैसे पहुंचे? इन्हें किन परिस्थितियों में कौन और क्यों लेकर आया?
उत्तर प्रदेश के एडीजी आनंद कुमार ने बताया कि बुलंदशहर में हालात अब काबू में हैं। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका और सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
एडीजी आनंद कुमार ने कहा कि गोकशी और हिंसा के मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है। हमारी 6 टीमें अभी छापेमारी कर रही हैं। वीडियो फुटेज, चश्मदीदों के बयान पर ही कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
उन्होने बताया कि जांच की जा रही है। किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें चमन, देवेंद्र, आशीष चौहान, सतीश हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। ये वो लोग हैं जो भीड़ में आगे थे।
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राजस्थान विधानसभा चुनाव के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जम कर निशाना साधा
आज राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए प्रचार का आखिरी दिन है और कोई पार्टी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। पीएम मोदी ने सुमेरपुर की रैली को सम्बोधित करते हुए गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट में एक बड़ी जीत मिली है, कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को सोनिया और राहुल गांधी के आयकर रिटर्न का पुनर्मूल्यांकन करने का अधिकार है। अब देखता हूं कि कैसे बच निकलते हो।
पीएम मोदी ने आगे कहा हेलीकॉप्टर काण्ड के राजदार और दलाल को सरकार दुबई से पकड़ के लाई है। अब राजदार राज खोलेगा, पता नहीं बात कहां तक जाएगी, कितनी डोर तक जाएगी। पीएम मोदी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का नाम लिए बगैर कहा कि वे जानते थे कि भारत सरकार बाड़मेर में बड़ी परियोजनाएं ला रही थी, जमीन की कीमतें बढ़ेगी और किसानों को इससे फायदा होगा। इसलिए, ‘नामदार’ के रिश्तेदारों ने किसानों से भूमि छीन ली।
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जब राहुल गाँधी नहीं बोल पाए कुंभाराम का नाम
राजस्थान में चुनावी महासंग्राम अपने चरम पर है। आगमी लोकसभा चुनाव पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर अपने बयान के चलते ट्रोल हो रहे हैं राजस्थान के झुंझुनू के सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी श्रवण कुमार के समर्थन में बुहाना में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उनकी जुबान एक बार फिर फिसल गई इसके चलते राहुल और पार्टी दोनों की जमकर फजीहत का सामना करना पड़ा।
जिसके बाद पांडाल में हंसी के ठहाके गूंज पड़े। दरअसल, राहुल पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा झुंझुनू जिले में कराए गए विकास कार्यों को गिनाते हुए मीठे पानी के लिए कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना के जिक्र करना चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने कुंभाराम लिफ्ट कैनाल योजना की जगह कुंभकरण लिफ्ट योजना कह डाला।
मंच पर मौजूद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व जलदाय मंत्री एवं खेतड़ी विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. जितेंद्र सिंह ने राहुल गांधी को योजना का सही नाम बताया। इसके बाद राहुल ने अपनी इस गलती को तुरंत सुधार करते हुए परियोजना के नाम का सही उच्चारण किया।
इसके बाद राहुल ने कहा कि उन्होंने पहले फेज में इस योजना के लिए 955 करोड़ रुपये दिए। 3,200 करोड़ रुपये झुंझुनू और आसपास के जिलों के लिए दिया था। बीजेपी ने पांच साल में कुछ नहीं किया।
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जीसेट-11 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर-प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सबसे भारी और बड़े उपग्रह जीसेट-11 के सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किए जाने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जीसेट-11 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है जो दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़कर करोड़ों भारतीयों के जीवन को बदल देगा।
मोदी ने बुधवार को ट्विटर पर इसरो को दिए बधाई संदेश में कहा कि जीसेट-11 जो भारत का सबसे बड़ा, सबसे वजनी औ सबसे उन्नत उच्च संचार उपग्रह है| इसके सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई। उन्होंने कहा कि देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है जो अपने कार्यों के जरिए देशवासियों को प्रेरित करते हैं। उल्लेखनीय है कि जीसेट-11 को फ्रेंच गुयाना स्पेस सेंटर से एरियनस्पेस रॉकेट की मदद से भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के दो बजकर सात मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। यह उपग्रह पूरे देश में ब्रॉडबैंड सेवाएं देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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आलोक वर्मा अभी भी चीफ, हमने सिर्फ छुट्टी पर भेजा-केंद्र सरकार का SC में जवाब
सीबीआई बनाम सीबीआई मामले की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी अपनी दलील दी थी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को लेकर कोई फैसला नहीं किया था। सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा वापस ड्यूटी पर लौटेंगे या आगे उन्हें जांच का सामना करना होगा। आलोक वर्मा ने उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फ़ैसले को चुनौती दी है।
– केंद्र सरकार को सीबीआई में हो रही गतिविधियों की चिंता हुई क्योंकि दो बड़े अफसर लड़ रहे थे। अफसरों की आपसी लड़ाई में भ्रष्टाचार के आरोपों को हथियार बनाया गया। दो शीर्षस्थ अफसर लड़ रहे थे और सारा विवाद तूल पकड़ गया। सीवीसी को जांच कर तय करना था कि कौन सही है कौन गलत लेकिन वो पब्लिक में चले गए।
– AG बोले- आलोक वर्मा अभी भी निदेशक हैं। सरकारी बंगला कार सब कुछ वही है। अस्थाना भी स्पेशल डायरेक्टर हैं।
AG ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने हमारे पास मीडिया रिपोर्ट्स का पुलिंदा भेजा है। हमने वर्मा को सिर्फ छुट्टी पर भेजा है। गाड़ी, बंगला, भत्ते, वेतन और यहां तक कि पदनाम भी पहले की तरह है आज की तारीख में वही सीबीआई निदेशक हैं।
-अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट में बहस कर रहे हैं उन्होंने कोर्ट को बताया, ‘सरकार ने सीवीसी की सलाह पर फैसला लिया था। दोनों अफसरों के बीच विवाद से सीबीआई का भरोसा लोगों में हिल गया था। ये फैसला बड़े जनहित और संस्थान का गरिमा बचाने के लिए लिया गया था। सरकार ने संस्थानिक अखंडता को बचाने के लिए आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला किया। आसाधारण हालात तो देखते हुए सीवीसी जांच पूरी होने तक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया।