सरकारी बैंको का निजीकरण आर्थिक बीमारियों की समस्याओं का समाधान नहीं है : लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मीरर समवाददाता

नई दिल्ली, 15 दिसंबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के उस बयान का समर्थन किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का निजीकरण देश में राज्य संचालित बैंकों की बीमारियों का हल नहीं है। एलजीपी ने कहा कि अतीत में भी पार्टी ने कुछ सरकार एवं उद्योगपति के क्वार्टरों से उठी इस मांग का जोरदार विरोध किया था।

भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडे की अध्यक्षता वाली एलजीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यहां कहा कि निजीकरण राज्य संचालित बैंकों में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को रोकने का उत्तर नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार और उद्योगपतियों के एक समूह ने निजीकरण की मांग को उठाया है जो पूरी तरह से बेमानी है क्योंकि भारत में निजी क्षेत्र के बैंक सामाजिक दायित्वों को पूरा करने में असफल रहे हैं और प्रभावी रूप से दूरदराज के आम आदमी तक पहुंचने में असफल रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों ने अब तक अपनी गतिविधियों को प्रमुख शहरी केंद्रों तक सीमित कर दिया है, जबकि राज्य संचालित बैंक गरीब ग्रामीणों को सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर चुके हैं। प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में सरकारी प्रायोजित सामाजिक-आर्थिक कई योजनाएं हैं जिन्हें सिर्फ़ राज्य नियंत्रित बैंकों के माध्यम से चलाया जा सकता है, क्योंकि निजी क्षेत्र के बैंक पर इस मामले में भरोसा नहीं किया जा सकता है ।

यह बताते हुए कि मुद्दा निजीकरण का नहीं है बल्कि सार्वजनिक क्षेत्रों में शासन के भ्रष्टाचार और कुशासन समाप्त करने का है, प्रवक्ता ने कहा कि सभी कार्यकलापों में ईमानदारी, पारदर्शिता और समर्पित कार्य संस्कृति को स्थापित करने के लिए व्यापक सुधार किया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में बैंक अधिकारी और उनके राजनीतिक गॉडफादर भ्रष्ट हैं और बैंकिंग सिस्टम और पर्यवेक्षण पूरी तरह से कमजोर हैं, जिसके कारण पीएनबी के प्रकार की लूट और एनपीए बढ़ी हैं। प्रवक्ता ने कहा कि दिशाहीन निजीकरण योजना के बारे में बात करने के बजाय सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए मजबूत उपायों को लागू करना चाहिए और बैंकों को लूटने में शामिल अपराधियों को सख्त सजा सुनिश्चित करना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि न तो एनडीए सरकार और न ही आरबीआई पीएनबी घोटाले से उभर रहे बैंकिंग क्षेत्र में मौजूदा गंभीर स्थिति की खुद जिम्मेदारी से अपने को मुक्त कर सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि अगर तत्काल सुधारात्मक उपाय नहीं किए जाते हैं तो कई नीरव मोदी देश से बाहर भाग जाएंगे। प्रवक्ता ने कहा कि एलजीपी का मानना ​​है कि ईमानदारी से सिस्टम की सफाई करके स्थिति को अभी भी सही रास्ते पर लाया जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्ट बैंक-राजनेता-व्यवसायी गठबंधन को देश को वित्तीय आतंकवाद से बचाने के लिए तोड़ा जाना होगा।

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