राजग सरकार राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने में विफल: लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मीरर समवाददाता

नई दिल्ली, 29 दिसंबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने में विफल रहने के लिए एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए एलजीपी ने कहा कि नवंबर 2018 के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा 114.8 प्रतिशत को छू गया है जो काफी खतरनाक है।
पार्टी के प्रवक्ता ने शनिवार को यहां कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 के लिए निर्धारित लक्ष्य और अंतिम टैली के बीच की खाई पूरी वित्तीय स्थिति को काफी गड़बड़ बना सकती है। भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडेय के नेतृत्व वाले एलजीपी के प्रवक्ता ने अतीत में राजकोषीय स्थिति के बारे में बार-बार आगाह किया था लेकिन कोई सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए ।प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार के तहत आर्थिक स्थिति ख़राब है क्योंकि पिछले पांच वर्षों के दौरान इसका वित्तीय प्रबंधन ख़राब साबित हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि इसी कारण से भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक मुद्दों को धार्मिक मुद्दों में बदलने की कोशिश कर रही है। प्रवक्ता ने लोगों से भाजपा के जाल में न फंसने और राजग सरकार के विकास प्रदर्शन पर ध्यान रखने का आह्वान किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि राजग सरकार ने वित्त वर्ष 19 के लिए राजकोषीय घाटे को 6.24 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 3.3 प्रतिशत के बराबर निर्धारित किया था । जबकि अप्रैल-नवंबर के लिए राजकोषीय घाटा 7.16 लाख करोड़ रुपये या लक्ष्य का 114.8 प्रतिशत रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में दर्ज 112 प्रतिशत से अधिक है, प्रवक्ता ने कहा कि आने वाले महीनों में राजकोषीय फिसलन जारी रहेगी, क्योंकि राजस्व और व्यय के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में कई जोखिम हैं जो एक चिंता का विषय है। प्रत्येक वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कर राजस्व में मौसमी पिकअप के बावजूद अप्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी संभावित है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नवंबर तक कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान का 66.1 प्रतिशत था । प्रवक्ता ने कहा कि व्यय काफी हद तक निर्धारित स्तर पर बने रहें गे लेकिन कम कर प्राप्तियों ने घाटे को कम करने की दिशा में बड़े पैमाने पर योगदान दिया। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का दावा है कि यह वित्तीय वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करेगा, अभी दूर की कौड़ी है।

Share via

Get Newsletter

Most Shared

Advertisement