व्यापारियों की जीएसटी संबंधी कठिनाइयों को सरकार तुरंत दूर करे- लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मीरर समवाददाता

नई दिल्ली, 14 जनवरी: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज कहा कि पिछले हफ्ते की जीएसटी परिषद की बैठक में कई सवाल अनुत्तरित रह गए हैं जो देश में व्यापारिक समुदाय को परेशान कर रहे हैं। एलजीपी ने कहा कि जीएसटी, जिसे जुलाई 2017 में एक झटके में लॉन्च किया गया था, में और सुधार की आवश्यकता थी ताकि व्यापारियों के लिए कार्यात्मक सुविधाएं बढ़ें और अनुपालन आसान हो सके।

पार्टी के प्रवक्ता ने सोमवार को यहां कहा कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद भी अब जीएसटी की औपचारिकताओं का पालन करने वाले व्यापारियों की संख्या में ठहराव है, इसका मुख्य कारण यह है कि शासन के दोषपूर्ण कार्यान्वयन के बाद उनके व्यवसायों में गिरावट आयी है। प्रवक्ता ने कहा कि जीएसटी पंजीकरण जो दिसंबर 2017 में 66.32% था, नवंबर 2018 में व्यापारियों द्वारा अनुपालन में मंदी के कारण 64.34% पर आ गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इससे एनडीए सरकार की और अधिक आय को बढ़ाने की मुहिम बुरी तरह प्रभावित हुई है, जो प्रति माह एक लाख करोड़ रुपये के पार नहीं जा सकी है। प्रवक्ता ने कहा कि कुछ व्यवसायों को जीएसटी से बाहर रखने का निर्णय केवल राजनीति से प्रेरित निर्णय था और इससे कर चोरी हो सकती है। यह निश्चित रूप से नई कर व्यवस्था का उद्देश्य नहीं था, प्रवक्ता ने कहा कि कार्यात्मक रूप से जीएसटी को व्यापारियों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए ताकि वे नई प्रणाली का आसानी से अनुपालन कर सकें।

प्रवक्ता ने कहा कि इसके लागू होने के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी, इसके दायरे में आने वाले छोटे व्यापारी अभी भी इससे जूझ रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि ईमानदार और पारदर्शी तरीके से कर आधार की रक्षा और विस्तार करते हुए सरकार को व्यापारिक समुदाय के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि अनुपालन आवश्यकताओं को आयकर के पैटर्न पर प्रक्रिया सुधारों के माध्यम से कम करने की आवश्यकता है। प्रवक्ता ने मांग की है कि जीएसटी परिषद को अनुपालन बोझ को आसान बनाने के लिए अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करना चाहिए।

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