गाय मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए लोक गठबंधन पार्टी ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया

अर्बन मीरर समवाददाता

लखनऊ, 12 फरवरी: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज आम चुनावों में गाय के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा की आलोचना की। LGP ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मथुरा में टिप्पणी कि “गाय हमारी परंपरा का अभिन्न अंग है” बस राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से है क्योंकि एनडीए सरकार गोजातीय की रक्षा करने में विफल रही है और गौ रक्षा के अपने घृणित तरीके से बड़े पैमाने पर लोगों नाराजगी हुई है ।
पार्टी के प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां कहा कि ऐसे समय में जब उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में आवारा जानवर एक बड़ा मुद्दा बन गए हैं और भाजपा सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है राजनीतिक रूप से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना सकारात्मक परिणाम नहीं देगा ।प्रवक्ता ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारतीय परंपरा में गाय पूजनीय जानवर है, लेकिन यह कभी विवाद की चीज़ नहीं रही जैसा कि भाजपा ने किया है। प्रवक्ता ने कहा कि “गाय सतर्कता” के मामले पर भाजपा सरकार के मूकदर्शक बने रहने के साथ इस मामले का सांप्रदायिकरण हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि फैजाबाद में 7 जनवरी, 2019 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में लोक गठबंधन पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा आवारा पशुओं के संकट का सामना करने पर गम्भीर चिंता व्यक्त किया था।
प्रवक्ता ने कहा कि गोजातीय (आवारा पशु) संरक्षण के लिए 622 करोड़ रुपये का आवंटन, संकट को हल करने में मदद नहीं कर सका। प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीणों ने इन आवारा पशुओं द्वारा उनकी फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर भाजपा सरकार से बेहद नाराज़गी है। प्रवक्ता ने कहा कि पिछले एक साल से अधिक समय के दौरान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में “आवारा मवेशियों” का खतरा है। आवारा पशुओं की वजह से ग्रामीण इलाकों में समस्या एक विकराल रूप ले चुकी है, लेकिन यूपी सरकार ने अब तक इस पर बहुत कम ध्यान दिया है और राज्य सरकार का बजटीय आवंटन केवल 40,000 रुपये प्रति गांव है जो समस्या को हल करने में मदद नहीं करेगा। मंडी पर उपकर लगाने, टोल टैक्स बढ़ाने और गाय आश्रयों के निर्माण के लिए गौ कल्याण उपकर के नाम पर अतिरिक्त कर लगाने के यूपी सरकार के फैसले को सही नहीं ठहराया गया क्योंकि इसका बोझ गरीब लोगों पर पड़ेगा।

Share via

Get Newsletter

Most Shared

Advertisement