अर्बन मीरर समवाददाता
लखनऊ / फैजाबाद, 01 अप्रैल: लोक गठबंधन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडेय ने आज कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण बेरोजगारी, कृषि संकट us गंभीर रूप धारण कर लिया है और कोई भी राजनीतिक दल इन मुद्दों को उठाने में दिलचस्पी नहीं रखता है। श्री पांडेय ने फैजाबाद में अपने चुनाव अभियान के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में जनसभा कीA एक सभा को संबोधित करते हुए श्री पांडेय कहा कि राजनीतिक बयानबाजी और भ्रामक वादों को छोड़कर, ये दल गरीब लोगों की समस्याओं से दूर हैं।
श्री पांडे, जो फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे हैं, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डोर-टू-डोर प्रचार कर रहे हैं और लोगों से भारी प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सफल रहे हैं। फैजाबाद-अयोध्या के लोग जो वर्षों से उपेक्षा का सामना कर रहे हैं, उनकी उम्मीदवारी और “नई राजनीति” के उनके दृष्टिकोण में आशा की एक किरण ns[k रहे है और उनके समर्थन में सामने आए हैं। श्री पांडेय ने सोमवार को कई गांवों में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एलजीपी लोगों की जमीनी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो शासन में भ्रष्टाचार को खत्म किए बिना संभव नहीं है। श्री पांडे ने लोगों से कहा कि अगर स्थिति में सुधार करना है तो भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा जो हर संकट की जड़ है। श्री पांडेय ने कहा कि दशकों से इस प्रणाली पर पकड़ रखने वाले भ्रष्ट राजनेताओं ने पूरी सरकारी मशीनरी को नष्ट कर दिया है। इस प्रकार श्री पांडे ने लोगों से आह्वान किया कि वे यूपी और गुजरात में ईमानदार एलजीपी उम्मीदवारों का समर्थन करें। LGP ने आगरा, बांदा, सुल्तानपुर, रॉबर्ट्सगंज, अमेठी, बस्ती और कुछ अन्य निर्वाचन क्षेत्रों से भी उम्मीदवार उतारे हैं।
जिलाधिकारी फैजाबाद रह चुके श्री पांडे ने लोगों से कहा कि यूपीए और एनडीए दोनों सरकारों ने केवल जनता का शोषण किया है और उनकी समस्याओं को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। लोगों ने श्री पांडे को अवगत कराया कि कैसे भ्रष्ट सरकारी मशीनरी ने उन्हें वर्षों से लूटा है। श्री पांडे ने आश्वासन दिया कि वह भ्रष्ट अधिकारियों से छुटकारा पाने में उनकी मदद करेंगे। श्री पांडेय ने लोगों से कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव ने एलजीपी के बैनर तले स्वच्छ राजनीति के युग में निर्वाचन का अवसर प्रदान किया है। श्री पांडे ने आगे कहा कि लोगों को भ्रष्ट राजनीतिक दलों के प्रयासों को भी विफल करना चाहिए जो सार्वजनिक मुद्दों को पीछे धकेलने का प्रयास कर रहे हैं।