भाषा की मर्यादाएं टूटी, हाथपाई ही होना बाकी

अर्बन मीरर समवाददाता
2019 लोकसभा चुनाव परिणाम किसके पक्ष में आते है, किस दल की सरकार बनती है यह तो 23 मई को पता चलेगा लेकिन यह चुनाव आरोप प्रत्यारोप के निचले पावदान पर पहुंच कर एक रिकॉर्ड जरूर बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, अमित शाह सहित सभी दलों के नेताओं ने भाषा की मर्यादायें तोड़ी है। जिस तरह से आरोप प्रत्यारोप लगे हैं उसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं है लेकिन अब भाषाओं की मर्यादायों के बाद अगर सुरक्षा घेरा हट जाये और नेता आमने सामने हो जाये तो आरोप प्रत्यारोप को देखते हुए निश्चित है पद की मर्यादा को भूल कर नेताओं में हाथापाई भी हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने भाषा की मर्यादा तोड़ी है और पद की गरिमा गिराई है। राहुल गाँधी सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पार्टी की गरिमा घूमिल किया है।

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