चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को राहुल, पवार के अलावा मायावती और अखिलेश से भी मुलाकात की थी
सोनिया गांधी ने 23 मई को गैर-एनडीए दलों के नेताओं की बैठक बुलाई
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कवायद तेज कर दी। उन्होंने रविवार को लगातार दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के साथ चर्चा की। नायडू शनिवार को लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले थे। अब मायावती सोमवार को राहुल-सोनिया से मिलने दिल्ली जाएंगी।
लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद यह पहला मौका होगा, जब बसपा और कांग्रेस के शीर्ष नेता भाजपा विरोधी मोर्चा तैयार करने को लेकर चर्चा करेंगे। बसपा ने सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस अपने दम पर अकेले यूपी में उतरी थी।
विरोधी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं नायडू
चंद्रबाबू कुछ महीने पहले तक एनडीए का ही हिस्सा थे। लेकिन आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से नाराज होकर उन्होंने वह खेमा छोड़ दिया। अब वे भाजपा के खिलाफ सभी विरोधी पार्टियों को एक पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने तृणमूल पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से भी सम्पर्क किया।
‘सरकार बनाने के लिए तैयार रहना चाहिए’
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो शनिवार को चंद्रबाबू ने राहुल गांधी से कहा है कि हमें चुनाव नतीजों के लिए रणनीतिक तौर पर तैयार रहना चाहिए। अगर भाजपा बहुमत से चूकती हैं, तो हमें सरकार बनाने के लिए मजबूत दावा पेश करने की तैयारी पहले ही कर लेनी चाहिए।
सोनिया ने 23 मई को बुलाई गैर-एनडीए दलों की बैठक
यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 23 मई को गैर-एनडीए दलों को बैठक के लिए बुलाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का मानना है कि भाजपा को इस बार बहुमत नहीं मिलेगा। इसी के मद्देनजर यूपीए प्रमुख ने सेक्युलर पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है। इनमें शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन, राजद और टीएमसी के नेता शामिल हैं। इसके लिए कांग्रेस ने चार नेताओं की टीम बनाई है, जिसमें अहमद पटेल, पी.चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत हैं।