लोकसभा चुनाव 2019 : इस बार देश के इतिहास में सबसे अधिक मतदान

इस बार लोकसभा चुनावों में 67.11 फीसदी वोट पड़े, जो देश के संसदीय चुनावों के इतिहास में सबसे अधिक मतदान है। चुनाव आयोग के अनुसार इसमें बदलाव संभव है। वर्ष 2014 में 66.40 वोटिंग हुई थी। इन चुनावों में 90.99 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, वहीं कुल 543 लोकसभा सीटों में से 542 के लिए चुनाव हुआ। तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर धनबल के प्रयोग के चलते चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
इस बार पिछले चुनावों के मुकाबले मतदाताओं की संख्या में 7.59 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। 2014 में देश में कुल 83.40 करोड़ वोटर्स थे। गौरतलब है कि वर्ष 2009 में 56.9 फीसदी ही मतदान हुआ था।

कुल 7 चरण, छठे चरण तक घटती रही वोटिंग :
चरण मतदान (प्रतिशत)
पहला 69.61
दूसरा 69.44
तीसरा 68.40
चौथा 65.50
पांचवां 64.16
छठा 64.40
सातवां 65.15

मध्यप्रदेश-हिमाचल में 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ी वोटिंग :
इन लोकसभा चुनावों में 2014 के मुकाबले मध्यप्रदेश में 5.92 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 5.1 फीसदी ज्यादा वोट पड़े। वहीं पंजाब में 5.64 फीसदी और चंडीगढ़ में 10.27 फीसदी की गिरावट आई है। ज्यादातर राज्यों में मतदान पिछले चुनावों की तुलना में 2.5 फीसदी से अधिक बढ़ा है।

पुरुषों व महिलाओं की वोटिंग का अंतर घटा :
इन चुनावों सहित पिछले तीन चुनावों की बात करें तो पुरुषों और महिलाओं की वोटिंग का अंतर काफी घटा है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान 2009 में करीब 9 फीसदी कम था, जबकि वर्ष 2014 में यह अंतर 1.4 फीसदी रहा। इस बार महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की वोटिंग महज 0.4 फीसदी अधिक रही है। डाक मतों की बात करें तो इस बार करीब 18 लाख वोटर्स में से 16.49 लाख ने मताधिकार का प्रयोग किया।

ऑपरेशन ब्रासटेक्स से भी ज्यादा सुरक्षा बल की तैनाती :
सात चरणों में हुए इन चुनावों में करीब 20 लाख सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई। यह संख्या भारतीय सेना के वर्ष 1986-87 के युद्धाभ्यास ‘ऑपरेशन ब्रासटेक्स’ में लगे सुरक्षा बल से भी ज्यादा है। माना जाता है कि इस ऑपरेशन में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आयोजित नाटो देशों के किसी भी युद्धाभ्यास से अधिक जवान (करीब 6 से 8 लाख) शामिल हुए थे।

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