मथुरा के गोवर्धन स्थित दानघाटी मंदिर के खजाने में 10 करोड़ से अधिक के गोलमाल पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वितीय ने मंदिर प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिए हैं। इस मामले में न्यायालय ने ही मंदिर के खाते में सेवा ठेका की राशि जमा न करने की स्थिति को वित्तीय अनियमितता मानते हुए प्रबंधक को नोटिस जारी कर हिसाब मांगा था।
गोवर्धन के दानघाटी मंदिर में सेवा ठेका से प्राप्त धनराशि निर्धारित प्रक्रिया के तहत बैंक में जमा करने का प्रावधान है, लेकिन यह राशि पिछले काफी समय से पूर्ण रूप से जमा नहीं की है। इसे अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वितीय ने वित्तीय अनियमिमता मानते हुए मंदिर प्रबंधक डालचंद चौधरी को नोटिस जारी किया था।
इसके बावजूद प्रबंधक द्वारा पूर्ण हिसाब न्यायालय को प्रस्तुत नहीं किया गया। रमाकांत कौशिक की शिकायत पर मानवाधिकार ने डीएम और एसएसपी को इस मामले में नोटिस जारी किया। इस पर जांच एसडीएम और सीओ गोवर्धन के स्तर से की जा रही है।
एनजीटी तक पहुंचा मामला
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वितीय छाया शर्मा ने डालचंद चौधरी के खिलाफ 21 मई को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है। यह आदेश इसी तिथि में थाना गोवर्धन को पहुंचा दिया गया है। ब्रज के प्रमुख मंदिरों में शामिल होने के कारण दानघाटी से जुड़ा यह मामला निरंतर सुर्खियों में बना हुआ है।
दानघाटी मंदिर के सेवा ठेका की राशि के घपले का यह मामला एनजीटी तक पहुंच चुका है। इस पर एनजीटी ने भी कड़ी टिप्पणी करते हुए श्राइन बोर्ड के गठन में हो रही देरी के लिए प्रमुख सचिव पर्यटन से शपथ पत्र मांग लिया है।