अर्बन मीरर समवाददाता
चाबी निकालने का हक ट्रैफिक पुलिस वालों को नहीं–
ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में जब पुलिसवाले किसी को रोकते हैं तो उसकी गाड़ी की चाबियां निकाल लेते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं, क्योंकि लोग भागने की कोशिश करते हैं और अपनी और दूसरों की जिंदगी खतरे में डालते हैं। वैसे, चाबी निकालने का हक ट्रैफिक पुलिस वालों को नहीं है। ऐसा करना सही प्रैक्टिस नहीं माना जाता।
ये डॉक्युमेंट्स होने ही चाहिए अपके पास–
ड्राइविंग लाइसेंस।
वीइकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी।
वीइकल का इंश्योरेंस सर्टिफिकेट और वैलिड पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट।
इनमें ड्राइविंग लाइलेंस और वैलिड पल्यूशन सर्टिफिकेट आपके पास ओरिजनल होने चाहिए।
जबकि आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी भी अपने पास रख सकते हैं।
इन केस में हो सकता है लाइसेंस जब्त —
रेड लाइट जंप करना पर।
सामान की ओवरलोडिंग पर।
बोझा ढोने वाले वाहनों में सवारी लेकर चलना पर।
शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना।
ड्राइविंग करते हुए मोबाइल पर बात करना और ओवर स्पीडिंग।
ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस के पास यह पावर है कि वह नियम तोड़ने वाले का लाइसेंस जब्त कर ले।
लाइसेंस की यह जब्ती तीन महीने के लिए होगी।
चालान के नियम–
चालान तीन तरह के होते हैं-
1- ऑन द स्पॉट चालान–
ये चालान तब काटे जाते हैं, जब नियम तोड़ने वाले को पुलिस रंगे हाथों पकड़ लेती है।
उसे चालान थमाकर वहीं जुर्माना वसूल लेती है।
कोई अगर उस वक्त जुर्माना नहीं भरना चाहे तो पुलिस डीएल जमा कराकर चालान दे देती है ।
2- नोटिस चालान–
अगर कोई नियम तोड़कर भाग गया तो पुलिस उसका नंबर नोट कर उसके घर चालान भिजवा देती है।
इस चालान का जुर्माना भरने के लिए आरोपी को एक महीने का वक्त दिया जाता है।
अगर समय पर जुर्माना नहीं भरा गया तो चालान कोर्ट भेज दिया जाता है।
3- कोर्ट के चालान–
कोर्ट के चालान आमतौर पर कानून तोड़ने की ऐसी गंभीर घटनाओं में दिए जाते हैं।
जिनमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है।
शराब पीकर गाड़ी चलाना ऐसा ही मामला है।
ये किए तो ऑन द स्पॉट ही जाते हैं, लेकिन इनका जुर्माना पुलिसकर्मी नहीं वसूलते। इसके लिए कोर्ट ही जाना होता है।
अगर आपके पास ऑन द स्पॉट फाइन देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आपको कोर्ट में जाने के लिए चालान जारी कर दिया जाएगा। दी गई तारीख को आपको कोर्ट में पेश होना होगा, लेकिन ऐसी स्थिति में पुलिसवाले आपका ओरिजनल डीएल अपने पास रख लेंगे और डीएल जमा करवाने की रसीद आपको देंगे। कोर्ट में पेश होने के बाद ही आपको अपना डीएल मिलेगा।
कौन-कौन कर सकता है फाइन–
100 रुपये से ज्यादा का फाइन है तो हेड कॉन्स्टेबल से ऊपर का ट्रैफिक ऑफिसर यानी एएसआई या एसआई ही कर सकता है।
हेड कॉन्स्टेबल को 100 रुपये तक का फाइन लेने का हक है।
कॉन्स्टेबल को फाइन करने का हक नहीं है। वे सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकते हैं।
कोई ट्रैफिक वाला आपका चालान तभी काट सकता है, जब उसने वर्दी पहनी हुई हो।
उस पर नेमप्लेट लगाई हुई हो।
अगर उसने वर्दी नहीं पहनी है या नेम प्लेट नहीं लगाई है तो आप उसकी कार्रवाई का विरोध कर सकते हैं।
नशे में गाड़ी चलाने पर सजा–
अगर कोई ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चला रहा है और उसके खून में ऐल्कॉहॉल की मात्रा 30 एमजी प्रति 100 एमएल से ज्यादा है या उसने इतनी मात्रा में ड्रग्स लिया हुआ है कि उसका वाहन पर नियंत्रण नहीं रह सकता, तो उसे नशे की हालत में गाड़ी चलाने का आरोपी माना जाता है।
पहली बार यह जुर्म करने पर आरोपी को छह महीने तक की जेल या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। अगर पहले जुर्म के तीन साल के अंदर कोई दोबारा ऐसा करता है तो उसे दो साल तक की जेल या तीन हजार रुपये तक का फाइन या दोनों हो सकते हैं।
अब पुलिस ऐसे शख्स का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए जब्त कर सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस ऑन द स्पॉट फाइन नहीं करती। सभी चालान कोर्ट भेजे जाते हैं और कोर्ट ही फाइन लगाती है। अगर आप दी गई तारीख को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो आपको समन और वॉरंट जारी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में गिरफ्तारी भी हो सकती है।
इन स्थितियों में ट्रैफिक गाड़ी को जब्त कर सकते हैं–
अगर कोई बिना वैलिड लाइसेंस के गाड़ी चला रहा है।
अगर कोई नाबालिग गाड़ी चला रहा है।
अगर वीइकल को बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा है
ट्रांसपोर्ट वीइकल को बिना वैलिड परमिट के चलाया जा रहा है।