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इंटरनेट का इस्तेमाल करना और इंटरनेट की लत होना (Internet addiction) दो अलग-अलग चीजें हैं। आजकल ज्यादातर बच्चों में छोटी उम्र से ही इंटरनेट की लत लग रही है। वे इंटरनेट लती (Internet Addict) बन रहे हैं। इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला स्कूली शिक्षकों के लिए आयोजित की गई थी। लेकिन इसमें विशेषज्ञों ने जो बातें बताई, वो अभिभावकों के लिए भी मददगार साबित होंगी।
आप कैसे समझ सकते हैं कि आपके बच्चे को इंटरनेट की लत है या नहीं? यह लत क्यों लगती है? इस लत के कारण क्या-क्या दिक्कतें होती हैं? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको आगे बता रहे हैं। ये वो जवाब हैं जो कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताए।
कैसे समझें बच्चे में इंटरनेट की लत
जिन बच्चों में इंटरनेट की लत होती है, उनमें कुछ अलग लक्षण पाए जाते हैं। आप इन लक्षणों के जरिए समझ सकते हैं कि बच्चा इंटरनेट लती है या नहीं –
डिप्रेशन
इमानदारी की कमी
अपराधबोध महसूस होना
बेचैनी (anxiety)
इंटरनेट इस्तेमाल करते समय आनंद की अनुभूति होना
मूड स्विंग होना
रूटीन के काम से जल्दी बोर होना
किसी काम में टाल-मटोल करना
पीठ या कंधे का दर्द
सिर दर्द
नींद न आना
आंखें सूखना
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क्यों होती है ये लत
इंटरनेट व वीडियो गेम्स के प्रति लत बच्चों में आम बात हो गई है। इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए या वीडियो गेम्स खेलते हुए बच्चों के दिमाग में डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है। इससे उनके अंदर संतुष्टी की भावना का एहसास होता है। इसी कारण उनमें लत की स्थिति बनती है।
डीसीपीसीआर सदस्य रंजना प्रसाद ने कहा कि बच्चों में गेमिंग और इंटरनेट की लत की बढ़ती दर को लेकर आयोग चिंतित है। ये दोनों चीजें बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। उन्होंने बताया कि डीसीपीसीआर शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों व बच्चों के लिए ऐसी और भी कार्यशालाएं कराएगा।