डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि अगर जघन्य अपराध जारी रहते हैं तो सजा देने के लिए दुष्कर्मी की आयु के मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस समय पूरे देश में वर्ष 2012 में हुए निर्भया केस की तरह हैदराबाद में एक डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप और हत्या को लेकर हल्ला मचा हुआ है।
राज्यसभा के सभापति नायडू ने भी इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान शून्यकाल में कई सदस्यों की ओर से इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद कहा कि महिलाओं की सुरक्षा संबंधी मुद्दे और पहलू सभी सदस्यों के सामने हैं जिनके जवाब और समाधान राजनीति से ऊपर उठकर और मिलकर देना है।
ऐसी घटनाएं किसी एक राज्य से जुड़ी नहीं हैं बल्कि यह पूरे समाज का रोग है। व्यवस्था में खामियां हैं और पुलिस इंतजामों में कमी है। फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित होने चाहिए। ऐसे मुद्दों पर फिर गंभीरता से विचार करके समाधान निकालने होंगे। नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों में राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। महिला सम्मान की बातें मीडिया, सिनेमा और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित होनी जरूरी है। हर राजनीतिक दल को महिलाओं के सम्मान के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए तभी ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है। अपराधियों पर सामाजिक दबाव हो और नशाखोरी तथा नेशनल हाईवे पर शराब मिलने जैसी बातें हैं, जिन पर सभी संबंधितों को ध्यान देना चाहिए।