डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
लखनऊ, 01 फरवरी: लोग पार्टी ने आज कहा कि लोकसभा में पेश किए गए वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण 2020 ने पर्याप्त संकेत दिए हैं कि देश की आर्थिक और वित्तीय सेहत ठीक नहीं है। लोग पार्टी ने कहा कि सर्वेक्षण ने सरकार की नीतियों में कई गलतियों को स्वीकार किया है और उनमें से अधिकांश एनडीए सरकार की खराब नीतियों के कारण है।
भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पाण्डे की अध्यक्षता में लोग पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने सर्वेक्षण में दावा किया है कि अर्थव्यवस्था के बुरे दिन जाते रहे और अगले साल (2020-21) में देश की अर्थव्यवस्था 6-6.5% से अधिक बढ़ जाएगी चालू वर्ष में 5% की उम्मीद है। हालांकि, भविष्य के लिए इस तरह की कयासबाज़ी दूर की कौड़ी लगता है।
प्रवक्ता ने कहा 2016 के विमुद्रीकरण और जीएसटी के प्रतिकूल प्रभाव को अभी भी लगभग सभी क्षेत्रों में महसूस किया जा सकते है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने 2019-20 में भी 7% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था जिसे बाद में संशोधित किया गया था। इसी तरह, 2018-19 के लिए विकास दर भी 6.8% से घटाकर 6.1% कर दी गई।
प्रवक्ता ने कहा कि देश में नौकरियों की खराब स्थिति , राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों का बेहद खराब प्रदर्शन, बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण और राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों का विनिवेश कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनके लिए ईमानदार और पारदर्शी फैसलों की आवश्यकता थी क्योंकि आर्थिक मोर्चे पर सिर्फ नारेबाजी से काम नहीं चलेगा। इस प्रकार प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों में लूट के परिणामस्वरूप लगभग नौ लाख करोड़ रुपये के बड़े एनपीए ने देश को आपदा के कगार पर धकेल दिया है।