निलंबित आईएएस, आईपीसऔर आईएफएस अधिकारियों के सरकार में वापसी आसान नहीं

डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता

लखनऊ; दिनांकः 29.04.2020:
केंद्र सरकार के भ्रष्ट आईएएस आईपीस और आईएफएस पर करवाई करने के लिए अखिल भारतीय सेवा नियमावली में संशोधन करने जा रही है इस संशोधन के बाद निलंबित किये गए अधिकारियों की निलंबन की समीक्षा नहीं की जाएगी। अदालतों से अंतिम निर्णय आने के बाद ही अधिकारी के निलंबन की समीक्षा की जाएगी।

देश में बड़े पैमानों में भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में अदालतों द्वारा दोषी ठहराए गए आईएएस आईपीएस एवं आईएफएस अधिकारीयों का निलंबन तो हो जाता है लेकिन अदालत से अंतिम निर्णय आने से पहले ही निलंबन की समीक्षा करके अधिकारी फिर सेवा में आ जाते है। परिणाम यह होता है कि अदालतों में मामले लंबित पड़े रहते है और भ्रष्टाचारी अधिकारी सेवा में आकर निरंतर भ्रष्टाचार करते रहते है। इसी चीज़ पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय पुलिस और भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए अखिल भारतीय सेवाओं (अनुशासन और अपील) 1969 में संसोधन करने का निर्णय लिया है। इस संसोधन होने के बाद भ्रष्टाचारों के आरापों में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने पर अंतिम आदेश पारित होने तक की कोई समीक्षा नहीं की जाएगी। कार्मिक मंत्रालय के इस बदलाव से भारतीय सेवाओं के भ्रष्टतम अधिकारी को फिर सरकार में वापस आने का अवसर नहीं मिलेगा। अगर न्यायालय के निर्देश पर अधिकारी आईपीएस, आईएएस और आईएफएस निलंबित होते है तो उन्हें अनिश्चित काल तक निलंबित रखा जायेगा जब तक किसी ऊपरी अदालत का आदेश या सम्बंधित न्यायलय द्वारा अंतिम निर्णय नहीं आ जाता है। इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के अलावा सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखा और 15 मई 2020 तक उनके प्रस्तावित संसोधन पर टिप्पणी देने का भी निर्देश दिया है।

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