डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ग्रेबियेसस को पत्र लिखकर कहा है कि अगर अगले 30 दिनों में संगठन कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो अमेरिका अपनी फंडिंग स्थायी रूप से रोक देगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने पत्र में संगठन में अपनी सदस्यता पर पुनर्विचार करने की भी बात कही है। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का रुख देखकर अमेरिका लंबे समय से संगठन से नाराज चल रहा है। अमेरिका ने पहले ही फंडिंग को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को लेकर कई बयान दिए हैं। उन्होंने कहा था कि वह डब्ल्यूएचओ के काम से खुश नहीं हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन के प्रति पक्षपाती होने का भी आरोप लगाया।
अमेरिका ने यह भी आरोप लगाया है कि चीन के कहने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को महामारी के बारे में देरी से बताया। हालांकि ऐसे आरोपों के विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिरे से खारिज किया है।
कोरोना वायरस से अब तक अमेरिका में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं और संक्रमण का आंकड़ा भी यहीं सबसे ज्यादा है। अमेरिका में अब तक करीब एक लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 15 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
इसके बाद रूस में संक्रमितों को आंकड़ा करीब तीन लाख है और मरने वालों की संख्या 2,722 है। तीसरे नंबर पर स्पेन है जहां संक्रमित मरीजों की संख्या 2,78,188 और मरने वाले मरीजों की संख्या 27,000 से अधिक है। दुनिया में अबतक कोविड-19 से 48 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।
भारत ने कोरोना रिकवरी में दी अमेरिका को मात, निकला 20 गुना बेहतर
भारत में कोरोना पीड़ितों के ठीक होने की दर अमेरिका से 20 गुना बेहतर है। अमेरिका में जब संक्रमण के कुल मामले एक लाख थे तब सिर्फ दो फीसदी लोग बीमारी से उबर पाए थे, जबकि भारत में करीब 40 फीसदी लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। दुनिया के कई देशों के मुकाबले भारत में लोगों के स्वस्थ होने की दर काफी ज्यादा है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी ट्वीट कर बताया कि हमारी स्थिति काफी बेहतर है। उन्होंने लिखा कि देश में प्रति दस लाख लोगों पर सिर्फ दो लोगों की मौत हो रही है, जबकि अमेरिका में यह संख्या 275 और स्पेन में 591 है। भारत में मृत्युदर करीब तीन फीसदी है और स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
दुनिया में अगर कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की बात करें तो अमेरिका में दो प्रतिशत, रूस में 11, इटली में 14, तुर्की में 18, फ्रांस में 21, स्पेन में 22, जर्मनी में 29 और भारत में 40 प्रतिशत कोरोना मरीज अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं।
कहा जा रहा है कि भारत में सही समय पर कोरोना को लेकर जरूरी कदम उठाए गए। अस्पतालों में सुविधाएं तेजी से बढ़ाई गईं। इस कारण से संक्रमण देरी से फैला और स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त होने से सही इलाज मिला।जागरुकता की वजह से लोग जल्दी अस्पतालों तक पहुंचे और उपचार कराया। भारत में युवाओं की संख्या ज्यादा और उनका प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने से भी मदद मिली है।
अमेरिका में हुई थीं भारत से कम मौतें: एक लाख संक्रमण पर अमेरिका-जर्मनी समेत कई देशों में भारत से कम मौतें हुईं थीं। हालांकि, बाद में अमेरिका में तेजी से मामले बढ़े और मरने वालों की संख्या 90 हजार से भी ज्यादा हो गई। एक लाख के संक्रमण पर कहां रूस में 1073, जर्मनी में 1584, अमेरिका में 2110, तुर्की में 2491, भारत में 3163, ब्राजील में 7025, स्पेन में 9387, फ्रांस में 10869, इटली में 11591 मरीजों की मौत हुई है।