डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
लखनऊ, 26 मई: लोग पार्टी ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा गठित ” प्रवासी आयोग ” जिसके अंतर्गत ये प्रावधान है की कोई भी अन्य प्रदेश बिना उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति के उसके श्रमिकों को काम पर नहीं रख सकता, पूरी तरह से गलत और असंवैधानिक है।
लोग पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार की बिना अनुमति के मजदूरों को काम पर रखने से रोकने के लिए यूपी बीजेपी सरकार की ” प्रवासी आयोग ” को गलत और असंवैधानिक माना है। लोग पार्टी ने कहा कि उन लाखों मजदूरों की मदद करने के बजाय जो कोरोनोवायरस महामारी के बाद कई राज्यों से लौटे हैं, उत्तर प्रदेश सरकार की ये योजना उनके लिए भविष्य में हानिकारक साबित होगी।
लोग पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि न तो राज्य सरकार देश के किसी अन्य हिस्से में श्रमिकों को काम के लिए प्रतिबंधित कर सकती है और न ही अन्य राज्य सरकार को उन्हें रोजगार प्रदान करने से पहले इसकी अनुमति लेने के लिए बाध्य कर सकती है। प्रवक्ता ने कहा कि पूरी तरह से गैरकानूनी और अतार्किक होने के अलावा, यह कदम भी श्रमिकों के लिए नुकसानदायक साबित होगा। प्रवक्ता ने कहा कि यूपी सरकार के पास उन्हें सामाजिक सुरक्षा, बीमा और रोजगार प्रदान करने के सभी अधिकार हैं, लेकिन यह योजना केवल उन मजदूरों की आहत भावनाओं को आत्मसात करने के लिए एक राजनीतिक चाल है। प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की राजनीतिक रणनीति के कारण अक्टूबर-नवंबर 2020 में होने वाले पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर गाँव-आधारित मजदूरों के समर्थन का लक्ष्य है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की योजना उनके कष्टों को काम नहीं करेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि संविधान बेहतर रोजगार के अवसरों और संभावनाओं की तलाश में प्रत्येक नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में पलायन करने के अधिकार की गारंटी देता है। प्रवक्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा कि जीने का अधिकार, एक मौलिक अधिकार है और काम करने का अधिकार सब को है। प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की योजना यूपी के साथ अन्य राज्यों को एकजुट होने में बाधा उत्पन्न करेगी । श्रमिकों के विषय में, पहले से ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र के निशाने पर है। प्रवक्ता ने कहा कि मजदूरों के आने से बेरोजगारी की संख्या यूपी में पिछले दो वर्षों में 58% बढ़ गई है, जो कि और बढ़ जाएगी।