डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर अगले साल की पहली तिमाही में पंचायत चुनाव कराने के संकेत दे दिए हैं।
पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक अक्तूबर से 12 नवंबर तक किया जाएगा। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 29 दिसंबर को होगा। प्रदेश में 58758 ग्राम पंचायत, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं। इनके चुनाव इसी साल के आखिर तक होने थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते सरकार ने पंचायत चुनाव छह महीने के लिए टाल दिया है। स्थितियां ठीक रहीं तो अगले साल की पहली तिमाही में चुनाव कराए जा सकते हैं।
चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए आयोग ने मंगलवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया। प्रदेश में नगर निकाय संस्थाओं के विस्तार और नए नगरीय निकाय बनने से अनेक ग्राम पंचायतों के आंशिक भाग किसी अन्य पंचायत या नगरीय निकाय की सीमा में शामिल हो गए हैं। ऐसी ग्राम पंचायतों का परिसीमन 15 से 30 सितंबर तक कराया जाएगा। इसी अवधि में बीएलओ और पर्यवेक्षकों को उनके कार्यक्षेत्र का आवंटन और स्टेशनरी वितरण भी किया जाएगा।
बीएलओ एक अक्तूबर से 12 नवंबर तक घर-घर जाकर गणना और सर्वे कर मतदाता सूची में नाम जोड़ने और संशोधन के लिए आवेदन प्राप्त करेंगे। पात्र मतदाता अपना काम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए एक अक्तूबर से 5 नवंबर तक आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकेंगे।
बीएलओ ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का 6 से 12 नवंबर तक घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। ड्राफ्ट मतदाता सूची की कंप्यूटर प्रति 13 नवंबर से 5 दिसंबर तक तैयार की जाएगी। ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 6 दिसंबर को किया जाएगा। 6 से 13 दिसंबर तक ड्राफ्ट मतदाता सूची का निरीक्षण किया जाएगा।
6 से 12 दिसंबर तक ड्राफ्ट मतदाता सूची पर आपत्तियां मांगी जाएगी और 13 से 19 दिसंबर तक उनका निस्तारण किया जाएगा। 20 से 28 दिसंबर तक पूरक सूची तैयार कर उन्हें मूल सूची में परिवर्तित करने की कार्यवाही की जाएगी। 29 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कोविड-19 की गाइडलाइंस के अनुसार ही बीएलओ और पर्यवेक्षक से पुनरीक्षण कार्य कराने के निर्देश दिए हैं।
कोविड-19 के चलते इस बार पंचायत चुनाव की तैयारियां पिछड़ गई हैं। मार्च से चुनाव की तैयारी शुरू नहीं हो पाई। 25 मार्च से लॉकडाउन के बाद लगभग दो महीने तक प्रदेश में लगभग सभी कामकाज लगभग ठप रहे। इसके बाद से सभी जिले कोरोना संक्र्तमण का प्रसार रोकने में जुटे हैं।
इसमें पंचायतीराज विभाग भी शामिल है। लिहाजा, न तो वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण हो पाया और न ही पंचायतों के परिसीमन की प्रक्र्तिया शुरू हो पाई। ऐसे में वक्त पर चुनाव कराना संभव नहीं हो पाया।