डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
लखनऊ, 19 सितंबर: लोग पार्टी ने आज कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए और अधिक नौकरियों के सृजन की आवश्यकता पर जोर दिया। लोग पार्टी ने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए महामारी और तालाबंदी से पहले देश बड़े पैमाने पर आर्थिक संकट के बीच था, जिसने अर्थव्यवस्था को मंदी में बदल दिया है।
लोग पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान और सेवाएं बंद होने के कारण न केवल मजदूर, बल्कि समाज का हर वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि महामारी से पहले भी देश 2017-18 में लगभग 6% की उच्च बेरोजगारी को झेल रहा था, जो की 45 वर्षों में उच्चतम था। स्थिति अब ख़राब हो गई है, प्रवक्ता ने कहा कि बेरोजगारी की दर अब 24% को छू गई है। प्रवक्ता ने कहा कि देश की गिरती जीडीपी से बेरोजगारी, कृषि, औद्योगिक, आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी राहत पैकेज के प्रमुख घटक को बढ़ती बेरोजगारी को ध्यान में रखना होगा। मनरेगा में अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने से सरकार उन लोगों के लिए एक आर्थिक बफर बनाने की उम्मीद कर रही है जो अपने गाँव लौट आए हैं। लेकिन पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि दशकों से यह ग्रामीण-आधारित योजना बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण सरकारी खजाने पर भारी पड़ रही है। प्रवक्ता ने कहा कि कई रिपोर्टें बताती हैं कि कैसे भ्रष्ट सरकारी तंत्र द्वारा मनरेगा का पैसा जेब में डाला गया है और इसका केवल एक हिस्सा ही लक्षित लाभार्थियों तक जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें वास्तव में गरीब मजदूरों की मदद करने में दिलचस्पी रखती हैं तो इसे लागू करने के लिए ईमानदार और पारदर्शी तरीके अपनाने चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी बहुआयामी है और सरकार को हर वर्ग को शामिल करते हुए एक समग्र रणनीति तैयार करनी होगी।