शिक्षामित्रों के मामले में SC ने कहा, सरकार द्वारा तय 60-65 कटऑफ सही

डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता

उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज बुधवार को शिक्षामित्रों की भर्ती से जुड़ा अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्र एसोसिएशन की 69000 शिक्षक भर्ती से जुड़ी अपील को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सभी शिक्षा मित्रों को एक मौका और मिलेगा। इस मामले में कोर्ट ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि 69000 भर्ती में से 31,227 नवनियुक्त सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की जा चुकी है। अब 37339 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी।

दरअसल 69000 शिक्षक भर्ती में जारी कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिस पर फैसला देते हुए कोर्ट ने बढ़े हुए कट ऑफ को अनुमति दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की अपील पर 9 जून 2020 को शिक्षक भर्ती केस में सुनवाई करते हुए 69000 हजार पदों में से 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया था।

यह है विवाद
शिक्षामित्रों का कहना है कि जो भी योग्य शिक्षामित्र 45/40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट आफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए जिससे 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार बाहर हो गए। हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी तो वे सुप्रीम कोर्ट आ गए। दरसअल भारांक देने की बात सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में की थी जब प्रदेश में लाखों शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति को अवैध मानकर निरस्त किया गया था। कोर्ट ने कहा था कि भविष्य में होने वाली भर्ती में इन शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए सरकार अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है। मामले की सुनवाई सोमवार को होने की संभावना है।

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