प्रो. एच सी पांडे
इधर ये गंदगी भरा जमुना का किनारा ,ये दमघोटू हवा,
ये उखड़तीं सड़कें और ये पानी का टोटा,
उधर करोड़ों के पर्दे,गुसलखानों में ‘टोटो’
संगमरमर के फ़र्श और हुकूमत की धाक,
‘आप’ के मुखिया ने हमारी दौलत लेकर,
दिल्ली के वोटर का उड़ाया है मज़ाक़ ।
मेरे महबूब,किसी और को,वोट दिया कर अबसे ।
..…साहिर लुधियानवी माफ़ करेंगे।
कहा जाता है कि नादिर शाह दिल्ली विध्वंस के पश्चात आ्श्चर्य में था कि इतने बड़े साम्राज्य की राजधानी उसने इतनी आसानी से कैसे क़ब्ज़ायी। एक दिन दरबार में सिंहासन पर बैठे हुए उसने मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह को कहा कि अब वह अपने शयनकक्ष में आराम करने जा रहा है और बादशाह अपनी सभी बेगमों को वहाँ भेज दें।सभी बेगमें जब,सहमी हुई और डरी हुई,उस कक्ष में पहुँची तो देखा कि नादिर शाह पलंग में लेटा हुआ उनको देख रहा था और थोड़ी देर बाद वह दूसरी ओर करवट बदल के सो गया।काफ़ी देर बाद नादिर शाह ने महल की बेगमें की ओर करवट बदली उनको देखने लगा और फिर अपनी कमर में बँधी हुई कटार खोल कर उनकी तरफ़ रख दी और दूसरी ओर पलट के सो गया।बेगमें भयभीत और चुपचाप खड़ी फ़र्श को देख रही थी।वक़्त गुज़र रहा था कोई हलचल नहीं हो रही थी सिवाय किसी के नींद में होने की आवाज़।अचानक नादिर शाह उठा खड़ा हुआ और बेगमों से कहने लगा कि अब वह समझ गया है कि उसकी फ़तह कैसे हुई।उसने शयनकक्ष में बुलाकर उनकी बेइज़्ज़ती की थी,उनकी प्रतिक्रिया जानने को।जान-बूझकर उसने,कटार उनकी ओर रख कर,सोने की नौटंकी की और उनको अवसर दिया कि वे कटार उठा कर उस पर वार कर सकें।यदि बेगमें कटार उसके सीने में घौंप देती तो उसे ख़ुशी होती यह जानकर कि हिंदुस्तान में आत्मसंम्मान जिंदा है। अब साफ़ है कि क़ौम मर चुकी है इसलिए फ़तह आसान रही।
भ्रष्टाचार का बादशाह दिल्ली फ़तह कर चुका है और खुला खेल फ़र्रुख़ाबादी हो रहा है।शीशमहल की नींव से लेकर छत तक सारे राज़ बाहर निकल कर ,दिल्ली की जनता से फ़रियाद कर रहे हैं कि उन पर नज़र डाल कर,चाय की चुसकियाँ के बीच,उन पर हंसना बंद करें,और मुग़ल बेगमों की तरह,कम से कम,शर्म से ऑंखें तो झुका रखे।पर क्या किया जाए जब अतिरिक्त बोतल का नशा और मुफ़्त में बस सफ़र के मज़े लेकर आम आदमी अपना ज़मीर खो चुका हो।मुर्दा क़ौम से उम्मीद नहीं करी जा सकती कि वे नियम क़ानून का ख़ंजर उठा कर भ्रष्टाचार का सीना चीरने की हिम्मत करेंगे।
(प्रो. एच सी पांडे, मानद कुलपति, बिट्स, मेसरा हैं)