अर्बन मिरर संवाददाता
नई दिल्ली, 28 अगस्त: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान सभी को रोजगार देने के किये गए वादे को पूरा किए जाने मैं पूरी तरह से नाकाम रहने के लिए एनडीए सरकार की आलोचना की। एलजीपी ने कहा कि चार साल के अंतराल के बाद भी रोज़गार की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और अब तो बीजेपी ने अब इसके बारे में बात भी करना बंद कर दिया है।
पार्टी के प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां कहा कि भारतीय रेलवे में मौजूदा रोज़गार की कमी के संकट का मूल्यांकन इसी तथ्य से किया जा सकता है कि जहां २ करोड चालीस लाख युवाओं ने 90,000 नौकरियों के लिए आवेदन किया है। प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार कि इस ख़राब तथा निराशा पूर्ण स्थिति एक गंभीर समस्या को जन्म दे सकती है । 2014 के चुनाव के दौरान एनडीए ने चुनाव प्रचार के दौरान सभी युवाओं को नौकरियों का आश्वासन दिया था ,जो अब बीजेपी कि राजनीतिक कथा से गायब हो गया है, प्रवक्ता ने कहा किऐसी स्थिति मैं देश के बेरोजगार युवा अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि सरकारी सीमित नौकरियों के लिए बड़ी संख्या मैं प्रतिस्पर्धा करने वाले और नौकरी तलाशने वालों की संख्या 62% से बढ़कर 65% हो गई है, जिसने देश मैं बढ़ते नौकरियों के संकट का स्पष्ट संकेत दिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेश में उल्लेखनीय सुधार नहीं दिख रहा है, जिससे रोजगार संकट ने युवाओं को आंदोलन का सहारा लेने और अधिक आरक्षण के लिए दबाव डालने के लिए मजबूर किया है। प्रवक्ता ने कहा कि देश हर साल अपने नौकरी बाजार में लाखों युवाओं को लगातार जोड़ रहा है जो पूरे देश के सामने सबसे बड़ी समस्या है। प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार कि ख़राब स्थिति देश की वर्तमान आर्थिक समस्या का मूल कारण है लेकिन एनडीए सरकार ने पिछले चार सालों के दौरान इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है क्योंकि उसका सारा प्रयास विकास के एजेंडा से लोगों का ध्यान हटाना मात्रा रहा है । प्रवक्ता ने कहा कि नौकरियों के संकट को ईमानदारी, पारदर्शिता और सुशासन के साथ बड़े आर्थिक संदर्भ के साथ देखा जाना चाहिए, लेकिन पिछले चार वर्षों के दौरान बीजेपी सरकार का दिशाहीन दृष्टिकोण रहा है क्योंकि सरकार इस विस्फोटक समस्या से निपटने में गंभीर नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार वास्तव में सभी प्रमुख मुद्दों पर विफल रही है जिनका लंबे समय से राष्ट्र सामना कर रहा है । बीजेपी ने रोज़गार , मुद्रास्फीति, भ्रष्टाचार के अंत, काले धन वापस लाने, सुस्त अर्थव्यवस्था में सुधार लाने, सीमा पर सुरक्षा में सुधार करने का वादा किया था, लेकिन अब तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। विभिन्न क्षेत्रों मैं रोज़गार सृजन कि रिपोर्टों ने संकेत दिया गया है कि एनडीए सरकार को सबसे खराब रेटिंग रोज़गार पैदा करने विफल होने के मामले मैं मिली है जिससे बेरोजगार युवाओं में व्यापक निराशा व्याप्त हुई है ।