राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) समस्या का हल करने में असमर्थ : लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मिरर संवाददाता

नई दिल्ली, 3 अगस्त: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज दोहराया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) जिस को “मोदी केयर” के रूप में पेश किया जा रहा है, देश के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ सम्बन्धी बुनियादी आधारभूत संरचना और सेवा समस्याओं को संबोधित नहीं करता है। पार्टी ने कहा कि देश की ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली वास्तव में बेहद खराब हालत में है जिसके लिए 2018 के बजट में सुधार लाने करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।
पार्टी के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि इस योजना से सम्बन्धी कई विवाद पहले से ही एनडीए सरकार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच पैकेज, दरों, धन आवंटन और बीमा मॉडल को लेकर पैदा हो चुका है। प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है
कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लालसा करने वाले लाखों गरीब लोगों को लाभ पहुँचाने से ज्यादा निजी खिलाड़ियों कि व्यावसायिक लाभप्रदता बढ़ाना मात्र है। प्रवक्ता ने कहा कि बजट में इस योजना के लॉन्च से ही, लोक गठबंधन पार्टी ने लगातार जनता को आगाह करते रखा है कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ बीमा कंपनियों की मदद करना था, न कि जनता के लिए। प्रवक्ता ने कहा कि 201 9 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी द्वारा शुरू कि गई योजना पूर्णतः दिशाहीन है।

प्रवक्ता ने कहा कि बीमा क्षेत्र मोदी केयर योजना के बारे में उत्साहित हो सकता है लेकिन यह उन ग्रामीण इलाकों में बीमार लोगों को सांत्वना प्रदान नहीं करेगा जहां स्वास्थ्य सेवाएं लगभग चरमरा गई हैं। प्रवक्ता ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जो गरीब लोगों को स्वास्थ सेवा देने के लिए बुनियादी सुविधाएं हैं, पूर्णतः निष्प्रभावी हैं जिससे लोगों को शहरी क्षेत्रों में भी छोटे बीमारियों के इलाज के लिए मजबूर होना जाना पड़ता है। प्रवक्ता ने कहा कि एनएचपीएस निजी अस्पतालों और बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचा सकता है लेकिन यह गरीब लोगों के लिए स्वास्थ्य सविधाएँ पहुँचाने के लिए विकल्प नहीं हो सकता है।
प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में दवाइयों, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की पूरी कमी है जिसके लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया गया । यह बताते हुए कि एनएचपीएस के लागू करके गांवों में गरीब लोगों के दुःखों को खत्म नहीं किया जा सकेगा , प्रवक्ता ने कहा कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि सरकार ऐसी योजना को कैसे वित्त पोषित करेगी, जिस को 10 करोड़ परिवारों तक पहुंचने के लिए कम से कम 50,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार की योजना तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज स्थापना करने का है , लेकिन इससे भी कोई सुधार होने कि सम्भावना नहीं है क्योंकि प्रत्येक जिले और उनके ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं में अत्यधिक सुधार की आवश्यकता है, न कि बड़ी संख्या में कॉलेजों पर अपर्याप्त व्यय। प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार की स्वास्थ्य देखभाल योजना दिशाहीन और जनता को गुमराह करने वाली है।

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