नई दिल्ली, : लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज कहा कि एनडीए और पिछली यूपीए सरकारें अपने कार्यकाल से संबंधित विवाद के दौरान आर्थिक विकास के बारे में लंबे दावे कर रही हैं, जबकि दोनो ही सरकारों के नेता अपने अपने शासन काल के दौरान के कुप्रबंधन और लूट को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं ।एलजीपी ने कहा कि कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सबसे भ्रष्ट सरकार के रूप में जानी जाती है, लेकिन मौजूदा एनडीए की कहानी भी कोई अलग नहीं है बल्कि यह सरकार भी कांग्रेसीयों की तरह ही काम कर रही है और लूट खसोट के नए कीर्तिमान स्थापित करने मैं लगी है और जनता के हितों की अनदेखी कर रही है , इस तरह इस तरह से यह दोनो एक दूसरे के साथ है और एक-दूसरे से अलग नहीं है।
पार्टी के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि पिछली यूपीए सरकार के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में दो अंकों की वृद्धि के बाद भी देश भर में बदहाली छाई रही क्योंकि विकास का लाभ सिर्फ़ कुछ लोगों तक ही पहुँच सका और यही हालात मोदी सरकार के दौरान भी है।प्रवक्ता ने कहा कि आर्थिक विकास पर दावे और काउंटर दावों के बजाय यूपीए और एनडीए को भ्रष्टाचार पर एक श्वेत पत्र लाना चाहिए और उनकी सरकारों द्वारा यदि सर्वत्र फैली लूट को रोकने में सफलतायदि कोई हो तो उसके साथ उनको तथ्यों के साथ बाहर आना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी है कि “भारत हाथी है” देश को गुमराह कर रशि है क्योंकि देश रूपी हाथी को घोर भ्रष्टाचार, ईमानदारी की कमी और सरकार में पारदर्शिता की कमी ने जकड़ रखा है जिसके चलते देश में ग़रीबी और बदहाली का साम्राज्य है। इस बात का जिक्र करते हुए कि “हाथी” इस तरह के ऊबड़ खाबड़ इलाके पर नहीं चल सकता है, प्रवक्ता ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रदर्शन करने के लिए ईमानदारी, कुशलता, पारदर्शिता, अनुभव की आवश्यकता है ताकि लोगों को विकास का पूरा लाभ हो सके। प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए के दोहरे अंक जीडीपी का दावा इतिहास है, जबकि एनडीए सरकार आर्थिक स्थिति को संभालने में दिशाहीन दृष्टिकोण के कारण चट्टानी पथ पर है और लगभग सभी मोर्चों पर पहुंचने में नाकाम रही है। प्रवक्ता ने कहा कि 201 9 के लोकसभा चुनावों के किए जा रहे झूठे वादों से मोदी सरकार को कोई लाभ होने वाला नहीं है ।
प्रवक्ता ने कहा कि पेट्रोल, डीजल, के दामों में भीषण वृधि कृषि और औद्योगिक संकट, रुपये में गिरावट का दानव देश पर मँडरा रहा है । इसके अलावा माल और सेवाओं कर (जीएसटी) के दोषपूर्ण कार्यान्वयन, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में घाटे में बढ़ोतरी और रोजगार के मामले मैंपूरी तरह से विफलता , की दृष्टि से एनडीए सरकार का आर्थिक विकास का दावा काफी भ्रामक है और यह भी स्पष्ट है कि सतर्क आम लोगों को प्रचार स्टंट द्वारा सदाएव भ्रमित नहीं किया जा सकता है ।प्रवक्ता ने घृणा, असहिष्णुता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की तेजी से फैलने वाली संस्कृति के बारे में कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान देश के सामाजिक तंत्र पूरी तरह से ख़त्म हो गया है जिन्हें एनडीए की एकमात्र उपलब्धि माना जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि विभिन्न संस्थानों को भी गंभीर नुकसान हुआ है क्योंकि उन्हें कमजोर करने के प्रयास किए गए थे।