लोक गठबंधन पार्टी ने माल्या और अन्य लोगों के देश का पैसा लेकर भागने के लिए एनडीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया

अर्बन मिर्रर समवाददाता

नई दिल्ली, 13 सितंबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा देश से भागने से पहले किंगफिशर के मालिक विजय माल्या के साथ उनकी मुलाकात के बारे में इनकार करने के बावजूद एनडीए सरकार की यह ज़िम्मेदारी है कि वह देश को यह बताए की उनकी सरकार ने माल्या एवं अन्य लूटेरों को देश मैं वापस लाने क्या क्या किया । एलजीपी ने कहा कि इसी तरह के दो सबसे वांछित वित्तीय अपराधियों- नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जो 13000 करोड़ रुपये पंजाब नेशनल बैंक से लूटने के बाद लंदन और एंटीगुआ में रह रहे हैं और उनके प्रत्यर्पण भी मुश्किल लग रहा है।
यह बताते हुए कि राजनीतिक संरक्षण के बिना इन अपराधीयों का भागना संभव नहीं था, पार्टी के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में बैंक धोखाधड़ी के इतने मामले घटित होना शर्मनाक है। प्रवक्ता ने कहा कि माल्या के साथ उनकी बैठक के बारे में अरुण जेटली द्वारा इनकार करना पर्याप्त नहीं है क्योंकि देश सरकार से इन लूटेरों की गिरफ्तारी के बारे में जानना चाहता है ।प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को यह जनता को यह बताना चाहिए कि कैसे माल्या और अन्य देश छोड़ सकने में सफल हुए।

प्रवक्ता ने कहा कि माल्या का मामला लंदन में कानूनी झगड़े में उलझ गया हैं, जबकि दो अन्य अपराधियों ने भी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वही रास्ता अपना लिया है। प्रवक्ता ने कहा कि यह चौंकाने वाला था कि भारतीय जांच एजेंसियों ने यूके न्यायालय में उस जेल का वीडियो पेश किया जहाँ माल्या को क़ैद किया जाना है जिस को लेकर यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या इसी तरह की व्यवस्था देश के अन्य अपराधियों के लिए भी किया जाता है, प्रवक्ता ने पूछा। प्रवक्ता ने कहा कि यह भी अजीब बात है कि इंटरपोल अलर्ट के बावजूद नीरव मोदी और चोकसी दुनिया भर में घूम रहे हैं और व्यवसाय कर रहे हैं जो दर्शाता है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय या तो असहाय हैं या राजनीतिक रूप से इस मामले को खत्म करने के दबाव में है। प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार ने जांच एजेंसियों को सशक्त बनाने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधियों के विधेयक पारित कर दिए हैं, लेकिन इससे किसी भी तरह से मदद नहीं मिली है। प्रवक्ता ने कहा कि यह कानून घोटाले के आरोपिओन को दंडित करने के एक उपकरण की तुलना में राजनीतिक प्रचार ज़्यादा है।

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