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लोक गठबंधन पार्टी ने ट्रिपल तलाक़ अध्यादेश में जेल की सज़ा के प्रावधान का विरोध किया

अर्बन मिरर समवाददाता

नई दिल्ली, 20 सितंबर: लोक गठबंधन पार्टी ने आज मुस्लिम समुदाय में ट्रिपल तालाक पर प्रतिबंध लगाने वाले अध्यादेश में संशोधन की मांग की। पार्टी ने कहा कि इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाया जाना सर्वोच न्यायालय के आदेशों के अनुरूप है जिससे मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तालाक की त्रासदी से मुक्ति मिलजाए गी लेकिन इसको अपराध बनाना ग़लत होगा और यह जरूरी भी नहीं है। इसके अलावा एलजीपी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने से ज़्यादा यह क़दम एनडीए सरकार की चाल है जिससे वह राजनीतिक लाभ उठाना चाहती
है।
एलजीपी के प्रवक्ता ने गुरुवार को यहां कहा कि अभियुक्त पति को जेल भेजने के बजाय उसे अपनी पत्नी को यातना देने से रोकने के लिए भारी जुर्माना का प्रविधान होना चाहिए। प्रवक्ता ने याद किया कि पार्टी ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था, और कहा कि ज्यादातर मुस्लिम राष्ट्रों ने इसे पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए गए अध्यादेश में प्रस्तावित आपराधिक प्रावधान किसी भी मुस्लिम या अन्य देशों मैं नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि “मेहर” का प्रविधान विवाहित जीवन के दौरान पत्नी के लिए वित्तीय सुरक्षा धन के रूप में है, इस लिए अगर उसे अपने घर से गलती से बाहर निकाल दिया जाता है तो ऐसी स्थिति के लिए एक पर्याप्त और टिकाऊ राशि का प्रावधान होना चाहिए। प्रवक्ता ने बताया कि अन्य समुदायों में भी तलाक की प्रथा विद्यमान है लेकिन सज़ा ऐसा कोई कठोर प्रावधान नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि पति को जेल भेजने का मतलब है कि पूरे परिवार के सदस्यों को वित्तीय और मानसिक संकट के तहत डालना और अध्यादेश में ऐसी स्थिति में कोई प्रावधान नहीं है कि वह जेल में रहते हुए पत्नी और परिवार की देखभाल कर सके । प्रवक्ता ने कहा कि इस कारण यह प्रावधान पूरी तरह से हास्यास्पद है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपी को अपराधी बनाए बिना ही इसे प्रथा प्रतिबंधित कर दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्येक आचरण या कार्य ग़लत होने बाद भी आपराधिक नहीं बनाया गया हाई । प्रवक्ता ने अध्यादेश के माध्यम से कोई क़ानून थोपने से पहले समाज में हितधारकों के साथ उचित राष्ट्रीय बहस और व्यापक परामर्श होना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि समुदाय के पुरुष सदस्यों को जेल में भेज देने के बजाय अदालत के निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उपलब्ध अन्य कई नागरिक उपचार भी मौजूद हैं।

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