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(Update 12 minutes ago)

लखनऊ में विवेक तिवारी को सामने से गोली मारी तो गोंडा मे प्रदीप मिश्रा की मोटरसाइकल को पीछे से ठोकर मार कर की हत्या प्रदीप ने 2 अक्टूबर से की थी आंदोलन की घोषणा, जो अधूरी रह गई

लखनऊ | गोंडा में शहर के अंदर सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदीप मिश्रा की गोंडा बहराइच रोड पर हत्या कर दी गयी है। हत्या को सड़क हादसा मानते हुए पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर दिया। मृतक प्रदीप मिश्रा की पत्नी लगातार हत्या की बात उठा रही है लेकिन उसकी आवाज़ कोई नहीं सुन रहा है। सभी राजनीतिक दल के नेता भी चुप्पी साधे हुए है। जनता आक्रोशित है। कुछ नेताओ ने फेसबुक पर युवक के हत्या पर सहानभूति जताते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लिया है। भाजपा सरकार में अपराधियों को बचाने की मुहीम चल रही है लखनऊ का विवेक तिवारी हत्याकांड हो या गोंडा में प्रदीप मिश्रा सभी में पुलिस का रवैया एक जैसा है लखनऊ राजधानी होने के कारण तमाम दबावों और मीडिया के लगातार समाचार दिखाए जाने के बाद भी अभी तक विवेक तिवारी के परिवार को न्याय मिल पायेगा इसमें भी संदेह है। हर अपराध के कार्यवाही पर यह परम्परा बनती जा रही है कि जब तक जनता और मीडिया अपराधियों पर कार्यवाही करने के लिए पुलिस प्रशासन और सरकार पर दवाब नहीं बनाती तब तक अपराधियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है।
गोंडा शहर के अंदर फोरलेन बनाने की मुहीम चालने वाले प्रदीप मिश्रा कौड़िया थाना क्षेत्र के अंतर्गत कंचनपुर के रहने वाले एक युवा समाजसेवी थे उन्होंने विकास के लिए मुहीम चलाई। इसका खामियाजा प्रदीप मिश्रा को जान देकर उठाना पड़ा। गोंडा की जनता को यह सोचना चाहिए कि युवा प्रदीप मिश्रा जो एक गांव में रहता था वह सड़क के चौड़ीकरण को लेकर और जनपद में विकास के लिए अगवाई कर रहा है उसकी हत्या कर दी गयी आखिर सड़क बनती तो प्रदीप मिश्रा को सड़क पर अकेले नहीं चलना था इसका लाभ देवीपाटन मंडल की सवा करोड़ जनता को मिलता। युवा समाज सेवी की हत्या के बाद छोटे छोटे बच्चे और पत्नी का जीवन कैसे गुजरेगा ? इस पर भी समाज के ठेकेदारों को सोचना चाहिए जो समय-समय पर घड़याली आंसू बहाते रहते है।
तेज़ तर्रार प्रदीप जिले की समस्याओं को सड़क से लेकर सोशल साइट तक पर बेहद गंभीर तरीके से रखते थे। उनके तीखे सवाल जिले के अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को चुभने वाले होते थे। यही कारण था कि जिले के युवाओं का एक बड़ा वर्ग प्रदीप से जुड़ा हुआ था। प्रदीप एक सामाजिक संगठन जनसंवाद मंच के पदाधिकारी भी थे और मंगलवार से वह फोरलेन सड़क के निर्माण में बाधा बने एक अवैध होटल के खिलाफ धरने पर बैठने वाले थे।
इसी धरने में शामिल होने के लिए वह दो दिन पहले दिल्ली से गोंडा आए थे। धरने की रूपरेखा तय करने के बाद वह सोमवार रात करीब दस बजे अपने गांव जाने के लिए मुख्यालय से निकले थे। गोंडा-बहराइच मार्ग पर वह मुंडेरवा माफी गांव के समीप पहुंचे ही थे कि वह हादसे का शिकार हो गए। मंगलवार की भोर मे जैसे ही प्रदीप के हादसे में मौत की खबर मुख्यालय पहुंची को लोग अवाक रह गए। इस युवा सामाजिक कार्यकर्ता की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया। सोशल साइट पर प्रदीप की हत्या की आशंका जताने वाले संदेशों की बाढ़ सी आ गई। हर कोई प्रदीप की मौत पर किसी गहरी साजिश की आशंका जता रहे थे। चारों तरफ गम और गुस्सा झलक रहा है।

अमर सिंह का डीजीपी के ऊपर हमला
लखनऊ- -राज्यसभा सदस्य एवं बहुचर्चित नेता अमर सिंह ने डीजीपी ओ0 पी0 सिंह पर हमला किया है और कहा है कि अगर ओ0 पी0 सिंह पुलिस महानिर्देश बने रहे तो सरकार की बदनामी निश्चित होगी। ओ0 पी0 सिंह 2 जून 1995 में लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात थे जब मायावती पर समाजवादी पार्टी समर्थित लोगों ने हमला किया था। विवेक हत्याकांड में ओ0 पी0 सिंह के बयान से भाजपा सरकार की बहुत किरकिरी हुई है। डीजीपी ने हत्यारे पुलिस को बचाने के लिए ये बयान दिया था कि आत्मरक्षा में सिपाही ने गोली चलायी है। पुलिस महानिर्देश के पद पर नियुक्ति के समय से ही विवादों के घेरे में है उन पर हमेशा से ये आरोप लगते रहे है वह किसी की भी सरकार हो वह पार्टी कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते है। 2 जून 1995 की घटना में पुलिस महानिर्देश सपा कार्यकर्ता के रूप में मूक दर्शक बने खड़े थे तो विवेक हत्याकखंड में भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया जिसके कारण उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ी। अमर सिंह का ये बयान ओ0 पी0 सिंह की असलियत को दर्शाता है।

राम जन्मभूमि पर घिरती जा रही है भाजपा
लखनऊ, राम लला हम आयेंगे मंदिर वही बनायेगें। नारों को लेकर राजनीति करने वाली भाजपा के लिए राममंदिर एक चुनौती बनता जा रहा है। अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए महन्त परमहंस दास आमरण अनशन कर रहे है उन्हें साधु-सन्तों और भाजपा के नाराज नेताओं कार्यकर्ताओं का व्यापक समर्थन मिल रहा है। आन्दोलन से जुड़े पूर्व सांसद एवं बजरंग दल के नेता विनय कटियार ने भी परमहंस दास से मिलकर मंदिर बनाने का समर्थन किया है। आगरा में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमितशाह, योगीआदित्य नाथ और संघ प्रमुख का पोस्टर लगाकर हवन पूजन किया और मंदिर निर्माण के लिए आन्दोलन करने की घोषण की है। पोस्टर में सभी को लापता बताया गया है और यह कहा गया है मंदिर निर्माण के लिए सभी लापता है। बजरंग दल ने हजारों ईटों श्रीराम नाम की लिखी हुई तैयार किया है और उसे अयोध्या ले जाने की घोषण की है। विहिप के बड़े नेता डा. प्रवीन तोगड़िया मंदिर बनाने की प्रतिबद्धता के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधे हमला कर रहे है तोगड़िया का कहना है कि राममंदिर बनाने के वादे पर सौ करोड़ की हिन्दू जनभावनाओं का समर्थन लेकर भाजपा केन्द्र और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार में है। भाजपा ने घोषण पत्र में राममंदिर बनाने का उल्लेख किया है सभाओं में भाजपा के नेता खुले आम कहते रहे है कि केन्द्र और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करेंगे। आज दोनों केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है राममंदिर निर्माण की अगुवाई करने वाले योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री है हिन्दुत्व का एजेन्डा लेकर जनभावनाओं से खेलने वाले नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री है चार साल से केन्द्र में भाजपा की सरकार है फिर भी राममंदिर बनाने के लिए कानून क्यों नही बना? भाजपा का यह कहना कि राज्यसभा में बहुमत नही है हिन्दुओं को गुमराह करने और राममंदिर निर्माण करने की प्रतिबद्धता से मुकरना है क्योंकि पहले लोकसभा में राममंदिर बनाने के लिए कानून पास करे? साधु सन्तों का आमरण अनशन बजरंग दल का विरोध और भाजपा के नाराज बड़े-बड़े नेता और कार्यकर्ताओं की मंदिर बनाने की मुहिम से भारतीय जनता पार्टी घिरती जा रही है। विरोधी दलों का राममंदिर निर्माण पर भाजपा के दोहरे चरित्र को लेकर लगातार आरोप लगाये जा रहे है ऐसे में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक होगा वैसे-वैसे राममंदिर निर्माण की मांग को लेकर सियासत तेज होगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक चुनौती को भी किसी तरह से राममंदिर निर्माण पर साधु सन्तो और विरोधियों को जवाब देते है।

शिवपाल ने बताया मुलायम की जान का खतरा
लखनऊ, समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के संयोजक पूर्वमंत्री शिवपाल सिंह यादव ने अपने बड़े भाई पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जान का खतरा बताया है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से महात्मा गांधी की हत्या हुई थी उसी तरह मुलायम सिंह यादव की भी हत्या हो सकती है। शिवपाल ने आरोप लगाया है कि कुछ गलत लोग नेता जी को बहका रहे है लेकिन उनका आर्शीवाद हमे प्राप्त है हालांकि शिवपाल ने यह नही बताया कि मुलायम सिंह को किससे जान का खतरा है इस आरोप से एक नया विवाद खड़ा हो गया कि आखिर मुलायम सिंह की जान को किससे खतरा है? तरह तरह की चर्चाए हो रही है और शिवपाल के बयान का कई अर्थ निकाले जा रहे है। कोई इस आरोप को पारिवारिक खतरे के रूप में देख रहा है तो कोई राजनीतिक सियासत समझ रहा है। फिलहाल जो भी शिवपाल सिंह यादव ने जो आरोप लगाया है बहुत ही गंभीर है। मुलायम सिंह यादव देश के एक बड़े नेता है अगर उनकी जान को खतरा है तो केन्द्र सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए और यह जांच करानी चाहिए कि आखिर जान का खतरा किससे है।

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