जातीय एवं धार्मिक सियासत से परेशान फैजाबाद की जनता विकल्प ढूंढ़ रही है

मतदाता नया विकल्प चाहते हैं। नये विकल्प के रूप में तेज़ तर्रार और बेहद ईमानदार फैज़ाबाद जिले के जिलाधिकारी रह चुके एवं भारत सरकार से सचिव पद से सेवानिवृत आईएएस अधिकारी विजय शकर पांडेय को मतदाता पसंद कर रहे हैं ।

राजेन्द्र द्विवेदी

फैजाबाद -अयोध्या संसदीय क्षेत्र जो पिछले तीन दशक से राम जन्मभूमि के विवाद का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। आयोध्या से पूरे देश में धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति हो रही है। लेकिन तीन दशकों से विकास के नाम पर घोषणाएं और राजनीति हुई है। वास्तविक रूप से विकास आज तक नहीं हुए। 1989 से मंदिर मुद्दे पर तेज़ हुई सियासत का जबाब देने के लिए सपा बसपा ने जातीय ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू की तो कांग्रेस ने साम्प्रदयिकता रोकने के नाम पर राजनीतिक दाँव खेला। इन तीन दशकों से राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु और सत्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र आज भी विकास से बहुत दूर है। अयोध्या के नाम पर देश दुनिया में राम मंदिर बनाने को लेकर पक्ष और विपक्ष में डीबेट हो रहे हैं और चुनाव के समय अयोध्या विवाद पर सियासत बढ़ जाती है। 2019 लोकसभा चुनाव नजदीक आते-आते एक बार फिर अयोध्या से राम मंदिर के नाम पर धार्मिक ध्रुवीकरण भाजपा ने शुरू कर दिया है। इसका जबाव देने के लिए सपा बसपा जातीय ध्रुवीकरण की तैयारी में जुटी है। कहने का तात्पर्य यह है कि विकास के नाम पर केवल बयानबाज़ी और राजनीति हो रही है। असली लड़ाई राजनीतिक दल जातीय और धार्मिक एजेंडे पर लड़ रहे हैं। फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र की जनता धर्म और जाति की राजनीति से परेशान होकर नए विकल्प की खोज कर रही है जो वास्तविक रूप फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र के गांव गरीबों का सर्वागीण विकास करायें।

फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र के इतिहास का विश्लेषण करें तो 1957 से 1984 तक (1977 को छोड़कर) कांग्रेस के सांसद चुने जाते रहे। 1989 से जातीय एवं धार्मिक ध्रुवीकरण के कारण कांग्रेस हाशिये पर चली गयी और 1991, 1996, 1999 तथा 2014 में भाजपा सांसद चुने गए तो 1989 , 1998 और 2004 में मित्र सेन यादव सीपीआई सपा और बसपा से सांसद चुने गए। परिसीमन के बाद 2009 में पहली बार हुए चुनाव में 25 वर्षों बाद कांग्रेस को अवसर मिला और निर्मल खत्री सांसद बने। पिछले 70 वर्षों के इतिहास में फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस सपा बसपा भाजपा सभी दलों ने किया। लम्बे अर्से तक कांग्रेस की सरकार रही। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकारें बनी । वर्त्तमान में केंद्र एवं प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है। फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र विकास के नाम पर आज भी बहुत पिछड़ा है। गरीबी बढ़ी है बाढ़ से प्रभावित परिवारों को हुई मदद नहीं मिली रोज़गार के नाम पर बेरोज़गारी बढ़ी है। भाजपा सरकार बनने के बाद दीवाली पर २ लाख दिये जला कर Guinness World Record मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जरूर बनाया लेकिन विकास के नाम पर आज भी अयोध्या बहुत पीछे है। जबकि फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र के सभी विधयक भाजपा के है। यूरीड मीडिया सर्वे में फैज़ाबाद संसदीय क्षेत्र के सभी जाति धर्म आयु के मतदाताओं से बात की सभी वर्ग के मतदाताओं की एक ही आम राय है कि आयोध्या फैज़ाबाद का विकास हो, बेरोज़गारों को रोज़गार के अवसर मिले। अब तक की सभी सरकारों तथा कांग्रेस, सपा, बसपा, भाजपा के सरकारों और सांसदों से मतदाता काफी निराश है। मतदाता नया विकल्प चाहते हैं। नये विकल्प के रूप में तेज़ तर्रार और बेहद ईमानदार फैज़ाबाद जिले के जिलाधिकारी रह चुके एवं भारत सरकार से सचिव पद से सेवानिवृत आईएएस अधिकारी विजय शकर पांडेय को मतदाता पसंद कर रहे हैं । जिलाधिकारी रहते हुए विजय शंकर पांडेय ने जनता में एक अलग छवि बनाई थी जिसकी चर्चा सर्वे में मतदाताओं में देखी गयी ।
जाति एवं धर्म की सियासत से अलग हट कर सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्ध विजय शंकर पांडेय कहते हैं कि देश में संसाधनों की कमी नहीं है नीति और नियत साफ़ है तो 5 वर्ष में देश और उत्तर प्रदेश की दशा बदल जाएगी। उनका कहना है लोक गठबंधन पार्टी से मैं प्रत्याशी हूँ जनता से संपर्क कर रहा हूँ और मुझे काफी समर्थन मिल रहा है । मुझे पूरा विश्वास है कि जाति एवं धर्म से परेशान जनता सर्वागीण विकास के लिए अवसर देगी। श्री पांडेय कहते है कि शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे एक भी मूलभूत समस्या आज़ादी के 70 वर्षों बाद भी दूर नहीं हो पायी है। भाजपा के सांसद और सपा, बसपा, कांग्रेस से जुड़े नेता अपने अपने तर्क और दावे कर रहे हैं लेकिन विकास क्यों नहीं हुआ इसका संतोषजनक जबाव किसी दल के पास नहीं है। सर्वे में स्पष्ट रूप से मतदाताओं ने जाति एवं धर्म की सियासत से परेशान होकर योग्य एवं ईमानदार प्रत्याशी चुनने पर सहमती दिखाई है।

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