जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया जल्दी बहाल की जाए: लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मीरर समवाददाता

नई दिल्ली, 22 नवंबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज जम्मू-कश्मीर में बिना देरी के लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने की मांग की। एलजीपी ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता राज्यपाल के शासन के तहत काफी समय से प्रचलित थी और जब तीन राजनीतिक दलों ने नई सरकार बनाने के लिए गठबंधन करने की कोशिश की तो गवर्नर एसपी मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया ।
पार्टी के प्रवक्ता ने गुरुवार को यहां कहा कि बिगड़े हालात वाले राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने में विलम्ब की अनुमति नहीं दी जा सकती है। प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्यपाल के शासन के माध्यम से एनडीए सरकार की इच्छाओं को पूरा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। प्रवक्ता ने याद दिलाया कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार के दौरान दोनों पार्टियाँ प्रदेश में अपने निहित हितों की सेवा करने की कोशिश करते रहे जिसके चलते दोनों साझेदारों के सम्बंध बिगड़ गए ।नई असेंबली के गठन के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना हाई वर्तमान में एकमात्र समाधान है, प्रवक्ता ने कहा कि इसमें लंबे समय तक देरी नहीं होनी चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि अलगाववादी और अलगाववादी ताकतों से निपटने में कोई उदारता नहीं होनी चाहिए, जो आगामी चुनाव के दौरान समस्या पैदा कर सकती है। केंद्र सरकार को युवाओं की रोज़गार की समयाओं के निपटारे के लिए एक व्यापक योजना तैयार करना चाहिए जो शांतिपूर्वक ढंग से रहने के इच्छुक हैं। प्रवक्ता ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार का अवसर राज्य के बाहर बनाया जाना चाहिए ताकि उन्हें आतंकवादियों के बुरे प्रभाव से दूर रखा जा सके। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को उन सभी की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए जो राज्य की शांति और विकास के लिए काम करने के इच्छुक हैं।
एलजीपी दृढ़ता से मानता है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ भारतीय संवैधानिक ढांचे के भीतर एक समाधान संभव है। प्रवक्ता ने कहा कि घाटी में सार्वजनिक जीवन और व्यावसायिक गतिविधियां स्थिर हैं, जिसने राज्य के शांतिप्रिय लोगों के बीच भी तमाम परेशनियाँ पैदा किया है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि जिस तरह आतंकवाद और हिंसा बढ़ रही है, पत्थर चलाने वाले युवा सड़कों पर आ रहे हैं, निश्चित रूप से यह स्थितियाँ देश के लिए गंभीर परिणामों से भरी हुई है। यह बताते हुए कि कश्मीर मुद्दा कानून और व्यवस्था की समस्या से कहीं ज्यादा है, पार्टी ने कहा कि संकट को सभी हितधारकों को विश्वास में ले कर व्यापक परिप्रेक्ष्य में संबोधित किया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि बाहरी ताकतों ने भी कश्मीर मुद्दे में दख़ल देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है , इसलिए ऐसे हालात में लंबे समय तक प्रदेश को बिना राजनीतिक हल के नहीं छोड़ा जा सकता है।

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