अर्बन मीरर समवाददाता
नई दिल्ली, 15 फरवरी: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने दक्षिण कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए नृशंस आतंकवादी हमले की निंदा की जिसमें कम से कम 44 जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए। एलजीपी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमला 2016 में उरी से भी बदतर है जिसमें 19 सैनिक मारे गए थे।
पार्टी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यहां कहा कि केंद्र सरकार को अपनी प्रतिक्रिया चुनने का अधिकार है, लेकिन कश्मीरी लोगों के आगे के अलगाव से बचने के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों को जवाब देने के लिए एक सावधान रूप रेखा तैयार करने की जरूरत है। प्रवक्ता ने कहा कि आत्मघाती हमले में एक स्थानीय युवक का शामिल होना चिंता का विषय है और घाटी में पाकिस्तानी आतंकवादियों की गंभीर घुसपैठ को दर्शाता है।
प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए दोतरफा रणनीति होनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि जहां अलगाववादी और अलगाववादी ताकतों से निपटने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए, केंद्र सरकार को शांति से रहने के इच्छुक युवाओं के बसने की योजना तैयार करनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर राज्य के बाहर बनाए जाने चाहिए ताकि उन्हें आतंकवादियों के बुरे प्रभाव से दूर रखा जा सके। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को राज्य की शांति और विकास के लिए काम करने वाले सभी लोगों की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि संकट से निपटना केवल कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर उचित नहीं है। पार्टी का कहना है कि कश्मीर का मसला कानून और व्यवस्था की समस्या से कहीं अधिक है, पार्टी ने कहा कि इस संकट को राज्य के भीतर सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए व्यापक परिप्रेक्ष्य में संबोधित करना होगा। एलजीपी का दृढ़ विश्वास है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ भारतीय संवैधानिक ढांचे के भीतर एक समाधान संभव है। कश्मीर जो देश का एक अभिन्न अंग उसमें शान्ति राष्ट्रीय विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।