अर्बन मीरर समवाददाता
लखनऊ, 21 फरवरी: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी / अतिरिक्त महानिदेशक जसवीर सिंह (1992 बैच) के खिलाफ आरोपों को रद्द करने की मांग की। एलजीपी ने कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए जाने जाने वाले जसवीर सिंह की टिप्पणियों निलंबन जैसे कठोर उपाय के क़ाबिल नहीं है और भाजपा सरकार को अपना आदेश वापस लेना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि जसवीर सिंह ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा या किया कि सरकार को उनके निलंबन का सहारा लेना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि अधिकारी के रूप में साक्षात्कार में जसवीर सिंह ने कुछ भी गलत नहीं कहा था, जिसने अपने करियर के दौरान अन्याय, कानून के शासन और संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी है।
प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्ट राजनेताओं और अपराधियों के साथ आधिकारिक सांठगांठ ने गरीब लोगों के जीवन के साथ -साथ नागरिक और पुलिस प्रशासन को बर्बाद कर दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि आज अधिकांश आईपीएस और आईएएस अधिकारी केवल अपने राजनीतिक आकाओं के निहित स्वार्थ की सेवा कर रहे हैं जिसमें कोई संदेह नहीं है कि यह असंवैधानिक है। प्रवक्ता ने कहा कि विजय शंकर पांडे के नेतृत्व में एलजीपी उच्च स्थानों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और सरकार में ईमानदारी, पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि जसवीर सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारी, जिन्होंने आवाज उठाई, उन्हें राज्य सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है। प्रवक्ता ने इस प्रकार लोगों से भ्रष्टाचार, ईमानदार और ईमानदार अधिकारियों के उत्पीड़न के खिलाफ एलजीपी आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है ताकि राज्य में कानून का शासन स्थापित किया जा सके।