अर्बन मीरर समवाददाता
लखनऊ । जिस को जहां जाना हो जाये हम किसी को रोकने वाले नही पार्टी सांसदों से अखिलेश यादव ने कहा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बदले व्यवहार से पार्टी के बड़े नेता सकते में है ।
सपा के कुछ रास सांसदों के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच अखिलेश यादव ने कहा है कि जिसको जहां जाना हो, चले जायें हम किसी को नही रोक रहे हैं ।
अखिलेश यादव के इस बयान से पार्टी की चिंता करने वाले नेता सकते में हैं । सब अपने अपने हिसाब से अखिलेश के इस बयान का मतलब ढूंढ रहे हैं. राज्य सभा सांसद नीरज शेखर पार्टी छोड़ कर बीजेपी में जा चुके हैं । राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की ख़बरें चल रही हैं. कहीं ये दावा किया जा रहा था कि एसपी के चार सांसद बीजेपी में जा सकते हैं. तो कोई कह रहा था कि तीन एमपी समाजवादी पार्टी छोड़ सकते हैं.
इसके साथ ही कुछ नाम भी चर्चा में थे. अखिलेश यादव इसी बात पर भड़के हुए हैं।
लगातार मिल रहे राजनीतिक झटकों से अखिलेश यादव परेशान हैं. जब से उन्होंने पार्टी का नेतृत्व सम्भाला है तब से पार्टी दिन ब दिन नुकसान में जा रही है ।
2017 विधानसभा में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े और 2019 में अपने कट्टर विरोधी मायावती से मिल कर लोकसभा चुनाव लड़े. लेकिन समाजवादी पार्टी को कोई फ़ायदा नहीं हुआ. बीएसपी ने चुनाव बाद ही अखिलेश पर तमाम आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ लिया।
परिवार में मचे घमासान से भी पार्टी को कम नुक़सान नहीं हुआ । अखिलेश सारे प्रयोग कर के अब थक चुके हैं. अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी से अपना घर बचाने की है.
पार्टी नेताओं को ये बात भी समझ मे नही आ रही है कि सांसद सत्र चलने के बावजूद अखिलेश दिल्ली के बजाय लखनऊ में क्यों जमे हुए हैं ।
22 जुलाई को
समाजवादी पार्टी के सभी एमपी को सवेरे दस बजे संसद पहुंचने के लिए कहा गया . ये बताया गया कि सब गांधी जी की मूर्ति के पास इकट्ठा होंगे. सांसदों से कहा गया था कि अखिलेश यादव भी मौजूद रहेंगे. उनकी अगुवाई में सोमवार 22 जुलाई को सोनभद्र की घटना को ले कर विरोध प्रदर्शन होगा।
यूपी के सोनभद्र में 10 लोगों की मौत पर योगी सरकार को घेरा जाएगा. समाजवादी पार्टी के सांसद जब पहुंचे तो देखा वहां तो कांग्रेस के नेता पहुंचे हुए हैं. एसपी के एमपी इंतज़ार करते रहे लेकिन अखिलेश यादव नहीं आए. वे तो लखनऊ में थे. किसी को कुछ पता नहीं, आख़िर ऐसा क्यों हुआ?
लोकसभा में समाजवादी पार्टी के 5 सांसद हैं. मुलायम सिंह यादव की तबियत ख़राब रहती है. इस बार अखिलेश यादव भी आज़मगढ़ से चुनाव जीत कर आए हैं. लेकिन अब तक संसद में वे मौन रहे हैं. एक भी सवाल नहीं उठाया है. अखिलेश एक दो बार संसद आए भी, तो कुछ नेताओं से मिल कर सदन में कम सेंट्रल हाल में ज़्यादा समय बिता कर लौट गए. रामपुर के सांसद आज़म खान ही चर्चा में बने रहे ।राज्य सभा में पार्टी के 12 सांसद हैं. राम गोपाल यादव भी इस बार पार्टी सांसदों के साथ सक्रिय नही हैं ।संसद में एक तरह से पार्टी नेतृत्व विहीन हो गई है ।