विधायक जो कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के थे उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि अयोग्य करार दिए गए 17 विधायक अब चुनाव लड़ सकेंगे।
कोर्ट ने फैसला देते वक्त यह भी कहा कि इस्तीफा देने से विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार खत्म नहीं हो जाते हैं। अयोग्यता के मामले में विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अध्यक्ष ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसला अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किया। इसलिए वह चुनाव लड़ सकते हैं।
कोर्ट ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों से नैतिकता की उम्मीद होती है, हम हालात को देखकर केस की सुनवाई करते हैं।
25 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कर्नाटक में विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होना है। अयोग्य विधायकों ने याचिका में उपचुनाव पर रोक की भी मांग की थी।
आगामी उपचुनाव में येदियुरप्पा सरकार को हर हालत में छह सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी। ऐसा नहीं होने पर भाजपा सरकार अल्पमत में आ जाएगी। वर्तमान में विधानसभा में बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरुरत है जबकि भाजपा को 106 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। आगामी 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद बहुमत का आंकड़ा बढ़कर 112 हो जाएगा। भाजपा को अपनी सरकार बचाने के लिए छह और विधायकों के समर्थन की जरुरत पड़ेगी।
कर्नाटक विधानसभा की मौजूदा स्थिति
कुल सीट-224
खाली सीट-17
वर्तमान में विधानसभा में कुल विधायक- 207
वर्तमान में बहुमत- 104
भाजपा+ -106
कांग्रेस-66
जेडीएस-34
अन्य-1