राष्ट्रीय औसत से भी आधी है यूपी की प्रति व्यक्ति आय

डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता

लखनऊ। देश की सत्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है लेकिन उत्तर प्रदेश सत्ता में भागीदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद भी लगातार पिछड़ता जा रहा है। वित्त आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 126406 है जबकि उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 64330 है जोकि आधे से भी कम है। आय का यह अन्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। 1950-51 में यूपी की प्रति व्यकित आय और राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय में मात्र 3 प्रतिशत का अन्तर था जो 18-19 में बढ़कर 49.1 प्रतिशत का अन्तर हो गया। प्रदेश के लिए यह गंभीर चिन्ता का विषय है। आय घटने के पीछे प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी 65 प्रतिशत से अधिक लोगों की खेती पर निर्भरता जोतो की संख्या घटना, बाढ़, सूखा, और किसानों के लिए आवश्यकता अनुसार कार्य न करना महत्वपूर्ण कारण हैं। इन सबके अलावा सबसे कारण जाति धर्म में उलझी राजनीति से रोजगार के लिए किसी भी प्रकार का किसी भी सरकार ने ठोस और जमीनी कार्यवाही नही किया। बेरोजगारी निरन्तर बढ़ रही है दूसरे राज्यों में उपलब्ध रोजगार भी प्रदेश के युवाओं और मजदूरों के लिए निरन्तर घटते जा रहे हैं।

प्रति व्यक्ति आय रूपये में प्रचलित दरों पर

वर्ष यूपी राष्ट्रीय अंतर
1950-51 259 267 3
1960-61 252 306 18
1970-71 486 633 23
1980-81 1278 1630 21
1990-91 3590 4983 28
2000-01 9828 16688 41.1
2010-11 26698 54051 50.06
2018-19 64330 126406 40.1

राज्य सरकार ने हाल ही 15वें वित्ता आयोग के सामने प्रजेंटेशन में प्रदेश की चुनौतियों की तस्वीर पेश की। इसमें यह कड़वी सच्चाई सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक आजादी के बाद 1950-51 में प्रदेश की प्रति व्यकित आय राष्ट्रीय औसत के लगभग बराबर थी। प्रचलित भावों पर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय जहां 259 रूपये थी, वही राष्ट्रीय स्तर पर यह 267 रूपये थी। केवल तीन प्रतिशत का अंतर था लेकिन इसके बाद हर दशक में यह अंतर बढ़ता गया। इसी तरह यह अंतर 49.1 प्रतिशत पर पहंुच गया है। प्रदेश की कठिन परिस्थितियां व लंबे अर्से तक फोकस सेक्टर तय कर काम न होना इसकी मुख्य वजह मानी जा रही है। बड़ी संख्या में बेरोजगारी भी इसकी बड़ी वजह है।

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