डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा गरीबों के स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान योजना उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से फेल हो रही है। मात्र 5 प्रतिशत धनराशि योजना में खर्च हो पायी है जबकि तमिलनाडु, आध्रप्रदेश, कर्नाटक, जैसे राज्य काफी आगे है। इस योजना में कुल व्यय की 50 प्रतिशत राशि केवल तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश एवं कनार्टक में खर्च हुए है। यूपी विहार जिनकी आबादी देश की कुल आबादी की एक चैथाई 30 करोड़ से भी अधिक है। इन दोनों राज्यो में 5 प्रतिशत भी धनराशि नही खर्च हुई है। प्रधानमंत्री जनआरोग योजना के तहत सितबंर तक 7581 करोड़ रूपये गरीबों के ईलाज पर व्यय हुए जिनमें तमिलनाडु 1395 करोड़ खर्च करके प्रथम स्थान 1372करोड़ रूपये खर्च करके गुजरात दूसरे स्थान, और 865 करोड़ रूपये खर्च करके आंध्रप्रदेश तीसरे स्थान पर और 682 करोड़ खर्च करके कर्नाटक चौथे स्थान पर है। 22 करोड़ वाले उत्तर प्रदेश में मात्र 206 करोड़ धनराशि गरीबों के ईलाज पर हुई है। बिहार का हाल और भी खराब है जहां मात्र 89 करोड़ रूपये गरीबों के ईलाज पर व्यय हुए है।
कुल खर्च राशि 7581 करोड़
राज्य खर्च धनराशि (करोड़ में)
तमिलनाडु 1395
गुजरात 1373
आंध्रप्रदेश 665
कर्नाटक 682
झारखंड 259
यूपी 206
बिहार 89
यूपी में 2011 की आर्थिक व जातिगत जनगणना के तहत प्रदेश में एक करोड़ 18 लाख गरीब आयुष्मान योजना का लाभ पाने के लिए चिन्हित किए गए है। परिवार हिसाब से करीब साढ़े पांच करोड़ लोग इसका लाभ ले सकते है। अभी तक केवल डेढ़ लाख लोगों का ही इस योजना के तहत इलाज मिला है जब प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक इस बात की अपील कर चुके है कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी पहुंच बनाई जाए। आयुष्मान योजना से प्रदेश में 1469 निजी अस्पताल जुड़े है जबकि प्रदेश में करीब 30 हजार निजी अस्पताल है।