दूरसंचार कंपनियों को मिली 42000 करोड़ की राहत, स्पेक्ट्रम भुगतान दो साल के लिए टला

कैबिनेट ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के टालने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा, दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिए स्पेक्ट्रम किश्त भुगतान से छूट दी गई है । सूत्रों के मुताबिक, सरकार के फैसले से दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया व एयरटेल को झटका दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इन कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान करना होगा, जिसके बाद टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। लेकिन अब वोडाफोन आइडिया की एजीआर संबंधी 44,200 करोड़ रुपये की देनदारी में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कंपनी को अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। साथ ही वोडाफोन आइडिया की बैलेंस शीट पर भी दबाव बढ़ेगा।
देनदारी में हो सकती थी बढ़ोतरी
इस एजीआर संबंधित देनदारी में बढ़ोतरी हो सकती थी। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से मिले नोटिस के आधार पर एजीआर की मूल रकम के 11,100 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। वहीं, पिछले 2-3 साल का अनुमान कंपनी ने खुद लगाया है। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस के अनुसार, वोडाफोन आइडिया की एजीआर संबंधित देनदारी 54,200 करोड़ रुपये रह सकती है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनी को 10,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोविजनिंग एजीआर के लिए करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को तीन महीने के अंदर इस रकम का भुगतान करने का आदेश दिया है।
कंपनी को हुआ 50,921 करोड़ का घाटा
वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में 50, 921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इससे पहले पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 4,947 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है।
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का बिल मंजूर, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
कैबिनेट ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 22 फीसदी किए जाने वाले अध्यादेश की जगह लेने वाले बिल को मंजूरी दे दी। इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में ही पारित कराए जाने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर को घरेलू कंपनियों को राहत देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 22 फीसदी तक लाने की घोषणा की थी। साथ ही 22 फीसदी आयकर स्लैब का विकल्प लेने वाली कंपनियों से मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (एमएटी) नहीं वसूला जाएगा। एक अक्तूबर के बाद गठित घरेलू निर्माण कंपनियों पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। 5 जुलाई से पहले शेयर बायबैक की घोषणा करने वाली कंपनियों से सुपर-रिच टैक्स की वसूली नहीं होगी।
एनएचएआई को टीओटी से फंड जुटाने को हरी झंडी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने नेशनल हाईवे के टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल में संशोधन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के लिए सरकारी पैसे से बनने के बाद एक साल से टोल वसूली के जरिए संचालित हो रहे राष्ट्रीय राजमार्गों का संचालन टीओटी मॉडल के जरिए 30 साल के लिए निजी कंपनियों को सौंपकर फंड जुटाने का रास्ता साफ हो गया है। एनएचएआई ने ऐसे 75 राष्ट्रीय राजमार्ग चिह्नित किए हैं, जिन्हें 10 बंडलों में बांटकर निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। ऐसे एक बंडल को निजी क्षेत्र को सौंपकर एनएचएआई पहले ही 9681.50 करोड़ रुपये सरकार को सौंप चुका है।

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