लखनऊ, 06 जनवरी: भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता वाली लोग पार्टी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में छात्रों के ऊपर कैंपस में हुए बर्बरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की। लोग पार्टी ने कहा कि ऐसा लगता है अपराधियों को दिल्ली पुलिस का समर्थन प्राप्त है।
लोग पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध पर कैंपस को युद्धक्षेत्र बनने के ठीक तीन सप्ताह बाद रविवार रात जेएनयू में हिंसा भड़क गई, और लाठी-डंडों से लैस नकाबपोशों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया। प्रवक्ता ने कहा कि जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 18 लोग इस घटना में बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि कैंपस में काफी समय से असंतोष चल रहा है, जो की एक चिंता का विषय है। वामपंथी नियंत्रित छात्र संघ ने हिंसा और बर्बरता के लिए एबीवीपी के गुंडों को जिम्मेदार ठहराया है। प्रवक्ता ने कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हिंसा को ज़ायदा गंभीरता से देखा जाना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा उस समय हुई जब जेएनयू शिक्षक संघ की एक बैठक हो रही थी। मारपीट के दौरान हॉस्टल के कमरे और लॉबियों में तोड़फोड़ की गई, जबकि सड़कों पर खड़े कई वाहनों को अज्ञात उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।
जेएनयू के छात्रों का एक बड़ा वर्ग राजधानी में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग ले रहा है, इससे पहले अक्टूबर में हुए विरोध प्रदर्शनों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि और ‘छात्र विरोधी’ नीतियों का विरोध किया था। प्रवक्ता ने कहा कि परिसर में शांति बहाल करने के लिए तत्काल कड़ी सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि असामाजिक तत्वों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जानी चाहिए। लोग पार्टी ने मामले में दिल्ली पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर भी चिंता व्यक्त किया।