12 देशों में फंसे 14 हजार 800 लोगों की 7 दिन में होगी वापसी होगी, देना होगा किराया

डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता

दिल्ली: भारत 12 देशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाएगा। 7 मई से शुरू होने वाले इस अभियान में 12 देशों में 64 विमान भेजे जाएंगे। इन लोगों में भारतीय छात्रों समेत 14 हजार 800 लोग शामिल होंगे। हर दिन करीब 2000 लोगों को लाने की योजना है। इन्हें भारत आने से पहले कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। वापसी से पहले कोरोना टेस्ट कराना भी जरूरी होगा।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, केवल उन लोगों को यात्रा की इजाजत मिलेगी, जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं होगा। भारत आने के बाद भी जरूरी जांच होगी और उन्हें 14 दिन तक क्वारैंटाइन किया जाएगा। लोगों को लाने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकाल बनाया गया है।

ये कितना बड़ा ऑपरेशन है?
इस अभियान के पहले दौर में 14 हजार 800 भारतीयों की वापसी होगी। दुनियाभर के भारतीय दूतावास और उच्चायोग वहां फंसे भारतीयों की सूची तैयार कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो विदेशों में फंसे 2 लाख भारतीय घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। 13 मई से शुरू होने वाले दूसरे दौर में इन भारतीयों को लौटने का मौका मिल सकता है। यह भारतीयों की घर वापसी का 30 साल का सबसे बड़ा अभियान होगा। इससे पहले 1990 में गल्फ वॉर के समय कुवैत से 1.70 लाख भारतीय एयरलिफ्ट किए गए थे।

किन देशों से भारतीय एयरलिफ्ट होंगे?
यूएई, यूके, यूएसए, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत, ओमान।

कितने भारतीयों को कब-कब लाया जाएगा?
पहले दिन: यानी 7 मई को 9 देशों से 2300 लोग कोच्चि, कोझिकोड, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर पहुंचेंगे।
दूसरे दिन: 8 देशों से करीब 2050 भारतीय चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरू और दिल्ली आएंगे।
तीसरे दिन: 9 देशों से 2050 भारतीय मुंबई, कोच्चि, त्रिची, हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली आएंगे।
चौथे दिन: 8 देशों से 1850 लोग त्रिवेंद्रम, कोच्चि, चेन्नई, त्रिची, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद पहुंचेंगे।
पांचवें दिन: 9 देशों से 2200 लोग कोच्चि, कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, श्रीनगर और बेंगलुरू आएंगे।
छठे दिन: 10 देशों से 2500 लोग हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरू, श्रीनगर, अहमदाबाद और कोच्चि पहुंचेंगे।
सातवें दिन: 8 देशों से 1850 लोग कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और अमृतसर आएंगे।

भारत लौटने के लिए ये शर्तें जरूरी

1. लोगों को अपने खर्च पर कोरोना का टेस्ट कराना होगा और भारत आने से पहले टेस्ट सर्टिफिकेट अपने पास रखना होगा।
2. सभी लोगों को प्लेन का किराया खुद ही देना होगा और वापसी के बाद 14 दिन तक क्वारैंटाइन रहना होगा।
3. क्वारैंटाइन में रहने में आने वाला खर्च भी यात्रियों को ही देना होगा।

फ्लाइट का किराया कितना होगा?

लंदन से दिल्ली: 50 हजार रुपए
ढाका से दिल्ली: 12 हजार रुपए

क्या कोरोना के लक्षण हैं, तब भी यात्रा कर पाएंगे?
नहीं। पैसेंजर्स की बोर्डिंग से पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। गाइडलाइंस के मुताबिक, जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे वे ही यात्रा कर पाएंगे। यात्रा के दौरान भी उन्हें हेल्थ मिनिस्ट्री और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के निर्देश मानने होंगे।

नौसेना का बचाव अभियान शुरू
इस बीच, नौसेना ने मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे भारतीयों को वापस लाने का अभियान सोमवार देर रात शुरू कर दिया। मुंबई के तट पर तैनात आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर को मालदीव रवाना किया गया है। वहीं, आईएनएस शार्दुल को दुबई के लिए रवाना किया गया है। ये तीनों जहाज लोगों को लेकर कोच्चि पहुंचेंगे। आईएनएस जलाश्व में एक हजार से ज्यादा लोग सवार हो सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इसमें 700 से 800 भारतीय ही लौट सकेंगे। वहीं, शार्दुल और मगर से एक बार में 400 से 500 लोगों को लाया जा सकेगा।

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