डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
केंद्र सरकार द्वारा MSME उद्योगों के लिए आर्थिक पैकेज घोषित किये गए है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसी का पूरा फायदा उठाने की कोशिश में है। प्रदेश सरकार एमएसएमई उद्योग को बढ़ाने के साथ ही ओडीओपी उत्पादों की देश-विदेश में ब्रांडिंग करेगी। तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए “मेक इन यूपी” को पूरे विश्व में पहुंचाने की तैयारी है। सरकार का फोकस एमएसएमई व ओडीओपी के माध्यम से राज्य में अधिक से अधिक रोजगार सृजन और एक्सपोर्ट बढ़ाने का होगा।
राज्य में इस समय करीब 90 लाख एमएसएमई इकाईयां सक्रिय हैं। इनमें 3.5 करोड़ लोग रोजगार से जुड़े हैं। देश की कुल एमएसएमई इकाईयों में यूपी की हिस्सेदारी 14 फीसदी है। वहीं देश से होने वाले कुल निर्यात में भी इन इकाईयों की हिस्सेदारी 10 फीसदी है। 2019-20 में राज्य की इन इकाईयों ने 1.10 लाख करोड़ का निर्यात किया। गौरतलब है कि देश की जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी 30 फीसदी है। समूचे देश में करीब पांच करोड़ इकाईयां हैँ। कुल निर्यात में 40 फीसदी हिस्सेदारी भी एमएसएमई की है। 11 करोड़ लोग देशभर में इस उद्योग से रोजगार में जुड़े हैं।
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री डा. सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह पैकेज राज्य की एमएसएमई इकाईयों के लिए संजीवनी का काम करेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्य की एमएसएमई व ओडीओपी को तकनीकी से जोड़ते हुए मेक इन यूपी को आगे बढ़ाया जाएगा।
एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि 25 जून को राज्य में पहली ऑनलाइन प्रदर्शनी लगेगी। केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई के लिए पैकेज की घोषणा का अधिक से अधिक लाभ यूपी के उद्यमियों को दिलाने की कोशिश की जाएगी। पहले से ही उद्योगों की स्थापना और संचालन के लिए तमाम कागजी कार्यवाही को कम कर दिया गया है। ऑनलाइन कामकाज चल रहे हैं। ओडीओपी उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कामर्स प्लेटफार्म शुरू किया जा चुका है। इस प्लेटफार्म को और सक्रिय किया जाएगा।