डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
लखनऊ, 18 मई: प्रवासी मज़दूरों की समस्यों पर चिंता व्यक्त करते हुए लोग पार्टी ने आज कहा कि दैनिक वेतनभोगी और प्रवासी कामगार महामारी से बुरी तरह पीड़ित हैं। लोग पार्टी ने कहा कि पूरे देश में कई सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में मजदूर मारे गए हैं और इन असहाय लोगों के संकट का कोई अंत नहीं दिखता।
लोग पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि हजारों भूखे और गरीब प्रवासी श्रमिक सैकड़ों मील दूर अपने घरों को पैदल या साइकिल से जाते हुए देखना बहुत दुखद है। उनमें से हजारों लोग किसी भी सवारी से यात्रा कर रहे हैं जैसे कि ट्रक, टैंकर, ट्रैक्टर और अपने गांवों तक पहुंचने के लिए जान जोखिम में डाल रहे है। सवाल यह है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसी राज्य सरकारें, जहां से प्रवासी कामगार दूर दराज को जा रहे हैं, इनकी दुर्दशा पर चुप हैं। प्रवक्ता ने कहा कि यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी थी कि वे प्रवासी श्रमिकों को न केवल भोजन और आश्रय प्रदान करें, बल्कि जब वे अपने गृह जिले में लौटने की इच्छा व्यक्त करें तो परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराये। पिछले कुछ हफ्तों से घर वापस जाने की कोशिश कर रहे हजारों गरीब प्रवासी श्रमिकों की तस्वीरों ने देश को शर्मसार किया है। समस्या को सुलझाने में ये राज्य सरकारों और राज्य मशीनरी पूरी तरह से नाकामयाब हो गई है और ऐसा लगता है जैसे इन सरकारों ने समस्या के आगे हथियार डाल दिया है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि राज्य सरकारों के पास अभी भी समय है। उन्हें अपने-अपने राज्यों में जिला प्रशासन को यह बताने की आवश्यकता है कि वे जितनी भी बसें और आवश्यक खाद्य पैकेट या वित्तीय सहायता हो सके इन पैदल चलने वाले गरीब मज़दूरों को पहुचाये जिसेसे वह अपने घरों तक सकुशल पहुंच सके। बस यह एक कदम सरकार सुनिश्चित करे तो अगले दो दिनों के भीतर, प्रत्येक प्रवासी श्रमिक सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा। जल्द ही भविष्य में पूरी तरह से फैक्ट्रीज में काम शुरू हो जाएगा, तो प्रवासी श्रमिक को काम पर वापस लाने के लिए सरकार का ये कदम एक सकारात्मक पुल के रूप में काम करेगा।