डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
लखनऊ, 21 मई: लोग पार्टी ने आज कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए नौकरियों के सृजन की आवश्यकता पर जोर दिया। लोग पार्टी ने कहा कि महामारी के पहले से ही देश बड़े पैमाने पर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दो महीने के लॉकडाउन ने देश के सामने एक कठिन परिस्तिथि पैदा कर दी है।
लोग पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान और सेवाएं बंद होने के कारण न केवल मजदूर बल्कि समाज का हर वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि महामारी से पहले भी देश 2017-18 में लगभग 6% की उच्च बेरोजगारी को झेल चुका है, जो की 45 वर्षों में उच्चतम स्थान पर थी। प्रवक्ता ने कहा कि बेरोजगारी की दर 17 मई को समाप्त सप्ताह में अब 24% तक पहुंच गई है। प्रवक्ता ने कहा कि लॉकडाउन में ढील भी तुरंत गई नौकरियों को बहाल नहीं करेगी। प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्र अब सबसे खराब बेरोजगारी, कृषि, औद्योगिक, आर्थिक संकट से गुजर रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी राहत पैकेज को बढ़ती बेरोजगारी को ध्यान में रखना होगा। मनरेगा में अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने से सरकार उन लोगों के लिए एक आर्थिक बफर बनाने की उम्मीद कर रही है जो अपने गाँव लौट आए हैं। लेकिन पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि दशकों से यह ग्रामीण-आधारित योजना अपने कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकार रही है। प्रवक्ता ने कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें गरीब मजदूरों की मदद करने में वास्तव में रुचि रखती हैं तो इसे लागू करने के लिए ईमानदार और पारदर्शी तरीके अपनाने चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी बहुआयामी है और सरकार को हर वर्ग को शामिल करते हुए एक समग्र रणनीति तैयार करनी होगी।