डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण देश में लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है, जिसकी मियाद 31 मई को खत्म हो रही है। लॉकडाउन के दौरान कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक जून से राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे दी है। हालांकि इस दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में एक जून से धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं, लेकिन बड़े धार्मिक आयोजन की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने कहा है कि सभी धार्मिक स्थल जैसे कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे एक जून से खोले जाएंगे, लेकिन यहां एकबार में 10 से अधिक लोगों को इजाजत नहीं दी जाएगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को जिम्मेदार ठहराया है। ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल पिछले दो महीने में कोविड-19 को फैलने से रोकने में सफल रहा था, लेकिन अब मामले इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि बाहर से लोग लौट रहे हैं। उन्होंने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस बताया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे हजारों प्रवासी श्रमिकों को एक ही ट्रेन में भेज रहा है, अधिक ट्रेनें क्यों नहीं दी जा रही हैं? उन्होंने कहा कि रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के नाम पर कोरोना एक्सप्रेस चला रही है
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जारी है मौत का सिलसिला, टॉयलेट में पांच दिन तक पड़ा रहा मजदूर का शव
मानवता को शर्मशार करने वाला एक मामला गुरुवार शाम झांसी स्टेशन पर सामने आया। झांसी से गोरखपुर के लिए 23 मई को रवाना हुई श्रमिक स्पेशल के शौचालय में शव पड़ा रहा। पांच दिन बाद जब ट्रेन को सेनेटाइज किया जा रहा था तब शव मिलने की सूचना पर रेलवे प्रशासन सकते में आ गया। छानबीन में पता चला 23 मई को इसी ट्रेन से गोरखपुर जाने के लिए बस्ती का प्रवासी मजदूर सवार हुआ था। जीआरपी ने कोरोना जांच और पोस्टमार्टम कराने के बाद शव शुक्रवार को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों ने झांसी में ही दाह संस्कार कर दिया।
गोरखपुर से 27 मई को लौटी 04168 श्रमिक स्पेशल ट्रेन को शाम के वक्त अगली यात्रा के लिए रेलवे यार्ड में तैयार किया जा रहा था। सेनेटाइज के समय एस ई 068226 बोगी का शौचालय नहीं खुल रहा था। दरवाजा तोड़ा गया तो रेलकर्मियों ने 38 वर्षीय युवक का शव देखकर सन्न रह गए। तत्काल जीआरपी और आरपीएफ को सूचना दी गई। तलाशी के दौरान युवक की जेब से मोबाइल फोन, 27282 रुपये नगद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम के अलावा 23 मई का झांसी से गोरखपुर जाने का यात्रा टिकट मिला। आधार कार्ड में मृतक का नाम मोहन शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी हलुआ थाना गौर जिला बस्ती लिखा था। इसकी जानकारी जीआरपी ने परिजनों को दी। फूफा कन्हैया लाल शर्मा, साढू भाई व चाचा शुक्रवार सुबह जीआरपी थाने पहुंचे। फूफा ने बताया कि मोहन शुगर का मरीज था। काफी लंबे समय से उसकी दवाएं चल रही थीं। हालांकि मेडिकल कॉलेज से अभी कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है।
मौत का कारण स्पष्ट नहीं, विसरा सुरक्षित
पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर जीआरपी ने विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। फूफा ने बताया कि मोहन के पिता का काफी पहले देहांत हो गया था। पत्नी व चार मासूम बच्चों की परवरिश के लिए वह कमाने मुंबई गया था। चिप्स फैक्ट्री में ड्रावर था। लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने से वह घर वापस लौटने के लिए झांसी से गोरखपुर जाने वाली श्रमिक ट्रेन में सवार हुआ था। वह मुंबई से झांसी तक बस से आया था।
विजय नारायण पांडे, उप निरीक्षक, जीआरपी का कहना है कि सूचना मिलते ही शव को उतरवा कर मेडिकल कॉलेज कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। परिजनों का कहना है कि युवक शुगर का मरीज था।
लाॅकडाउन 5.0 की अटकले तेज, यूपी के यह छह जिले सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित:
लॉकडाउन 4.0 रविवार को खत्म होने वाला है। सोमवार से लॉकडाउन 5.0 लगेगा या नहीं? इस पर अटकले तेज़ है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस बात पर चर्चा की है कि उनके राज्यों में अभी क्या स्थिति है और वे लॉकडाउन 5.0 के बार में क्या चाहते हैं। वैसे लॉकडाउन बढ़ाने की अटकलों के बीच देश में कोराेना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यूपी के छह जिले ऐसे हैं जहां अभी कोरोना के केस कम नहीं हो रहे । इन जिलों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है।
इन जिलों में हैं ज्यादा कोरोना केस :
जिला कोरोना मरीज मौजूदा समय में कोरोना केस
आगरा 874 95
मेरठ 403 93
नोएडा 373 115
रामपुर 172 118
जौनपुर 156 129
बस्ती 155 110
गुरुवार को इन जिलों में नये केस:
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक गुरुवार को आगरा में पांच, मेरठ में एक, गौतमबुद्ध नगर में सात, लखनऊ में 10, कानपुर नगर दो, गाजियाबाद में 15, सहारनपुर में छह, फिरोजाबाद में छह, मुरादाबाद में एक, वाराणसी में एक, जौनपुर में एक, बस्ती में सात, अलीगढ़ में एक, बुलंदशहर में तीन, गाजीपुर में चार, सिद्धार्थनगर में दो, अयोध्या में एक, अमेठी में एक, प्रयागराज में तीन, बिजनौर में दो, संभल में छह, बहराइच में दो, संतकबीर नगर में नौ, मथुरा में तीन, प्रतापगढ़ में दो, रायबरेली में तीन, देवरिया में तीन, गोरखपुर में नौ, आजमगढ़ में 13, लखीमपुर खीरी में दो, गोंडा में पांच, इटावा में दो, फतेहपुर में दो, हरदोई में दो, बदायूं में दो, बलरामपुर में एक, भदोही में सात, झांसी में पांच, बलिया में चार, चित्रकूट में चार, मैनपुरी में छह, उन्नाव में एक, औरैय्या में दो, फर्रुखाबाद में एक, मऊ में तीन, कानपुर देहात में चार, महोबा में एक तथा सोनभद्र में एक नया केस सामने आया है।
तेजी से ठीक हो रहे मरीज
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया है कि प्रदेश में 11 मई से ही कोरोना के एक्टिव मामले कम हो रहे हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने का क्रम बना हुआ है। कुल संक्रमित मरीजों में से इलाज के बाद 4215 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कोरोना के एक्टिव मरीजों की तुलना में काफी अधिक हो गई है। गुरुवार को ही 224 कोरोना संक्रमित पूरी तरह स्वस्थ हुए जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।