इन तीन मांगों के पूरा तक विपक्षी नेताओं का राज्यसभा से बहिष्कार

डेली न्यूज़ एंड व्यूज संवाददाता

कृषि विधेयक के दौरान राज्यसभा में हुए हंगामे के कारण विपक्षी दलों के आठ सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसे लेकर मंगलवार को भी सदन में विपक्ष ने हंगामा किया। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक 8 सदस्यों का उच्च सदन से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक कांग्रेस राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगी।

गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमारी तीन मांगें हैं. पहली सरकार एक नया बिल लाए, जिसमें यह बात साफ तौर पर शामिल हो कि कोई भी प्राइवेट कंपनी MSP के नीचे किसानों से कोई उपज नहीं खरीदेंगे। दूसरी MSP फॉर्मूला स्वामीनाथन फॉर्मूला के आधार पर तय होना चाहिए और तीसरा की सभी सांसदों का निलंबन वापस हो।

उन्होंने कहा कि जब तक हमारी ये तीनों मांगे पूरी नहीं होती हम राज्यसभा की कार्यवाही का विरोध करेंगे. उधर, विपक्षी सांसदों का धरना खत्म हो गया है।

आजाद ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के अंतर तालमेल का अभाव है। एक दिन पहले ही कृषि विधेयकों पर पूरी चर्चा एमएसपी पर केंद्रित रही और उसके एक दिन बाद सरकार ने कई फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा कर दी।

उल्लेखनीय है कि रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को सोमवार को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे में असंसदीय आचरण को लेकर विपक्ष के आठ सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव कल पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी. निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं।

निलंबित सांसद अपने आचरण पर माफी मांगें, तब होगा निलंबन रद्द करने पर होगा विचार: रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि राज्यसभा के निलंबित सदस्यों द्वारा अपने आचरण के लिए माफी मांगे जाने के बाद ही उनका निलंबन रद्द करने पर विचार किया जाएगा। प्रसाद की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने आठ सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

उच्च सदन में सबसे पहले कांग्रेस सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसके बाद आप, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने भी कार्यवाही का बहिष्कार किया। बाद में एनसीपी, सपा और राजद के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए। प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के अमर्यादित आचरण का विरोध करेगी।’

उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा के निलंबित सदस्यों द्वारा अपने आचरण के लिए माफी मांगे जाने के बाद ही उनका निलंबन रद्द करने पर विचार किया जाएगा।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘यह किस प्रकार की राजनीति है… जब विदेश से ट्वीट आता है… और सांसद इस प्रकार का व्यवहार करते हैं…।’

समझा जाता है कि ट्वीट को लेकर प्रसाद का इशारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संदर्भ में था जो अभी अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिकित्सा जांच कराने के लिये उनके साथ विदेश गए हुए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हमने पहले कभी ऐसा नहीं देखा कि कांग्रेस का कोई सांसद राज्यसभा की टेबल पर चढ़कर नृत्य करे और दस्तावेज फाड़े।’ उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सरकार के पास कृषि संबंधी विधेयक पारित कराने के लिये रविवार को स्पष्ट बहुमत था।

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