लोक गठबंधन पार्टी ने गंभीर आर्थिक संकट को अनदेखा करने के लिए एनडीए सरकार की आलोचना की

अर्बन मिरर संवाददाता

नई दिल्ली 6 सितंबर: लोक गथबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की टिप्पणी पर आश्चर्य और निराशा व्यक्त की कि रुपया के मूल्य में निरंतर गिरावट और देश में पेट्रोल / डीजल की शीर्ष पर पहुँच गई कीमतें के बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है । एलजीपी ने कहा कि एनडीए सरकार ऐसे हालात में भी बेफ़िकर दिखाई दे रही है और देश को हतोत्साहित करने वाले इस संकट को हल करने में कोई दिलचस्पी लेती हुई नहीं दिख रही है ।

एलजीपी के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि पेट्रोल / डीजल की बढ़ती कीमतें और रुपए के मूल्य में गिरावट निश्चित रूप से जनता को प्रभावित करने वाले गंभीर मुद्दे हैं और एनडीए सरकार अपने सुस्त दृष्टिकोण से उन्हें हल नहीं कर सकती है। प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी सुधारात्मक उपाय नहीं उठाकर और “वैश्विक स्थिति” को दोषी ठहराते हुए, एनडीए सरकार ने इतनी गंभीर आर्थिक स्थिति में अपने दिशाहीन दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया है। प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार का दावा है कि गिरावट अस्थायी घटना है , जो कि जनर को गुमराह करने वाला आचरण प्रतीत होता है क्योंकि अर्थव्यवस्था पिछले चार सालों से ठीक से प्रदर्शन नहीं कर रही है। प्रवक्ता ने कहा कि आरबीआई का बार-बार हस्तक्षेप भी उस समस्या को हल करने में विफल रहा है, जिसने अब गंभीर आयाम ले लिया है। प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान स्थिति पिछले चार वर्षों के दौरान आर्थिक और वित्तीय प्रबंधन के संचयी प्रभाव का परिणाम है। प्रवक्ता ने कहा कि यह स्थिति वैश्विक घटना से अधिक यह घरेलू कुप्रबंधन का प्रभाव है जिस के चलते रोजगार और कृषि और औद्योगिक मोर्चों पर गंभीर संकट पर चल रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि एक आसान बचने के मार्ग को खोजने के लिए वैश्विक कारक को दोषी ठहराने के बजाय एनडीए सरकार को गंभीर दृष्टिकोण अपनाते हुए सुधार के तरीकों को ढूंढना चाहिए । प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का यह दावा है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के कार्यान्वयन में ख़ामियाँ इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार नहीं , वास्तविकताओं पर आधारित नहीं है, क्योंकि लोगों को अभी भी इस मामले मैं तमाम समस्याएं आ रही हैं। प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा खराब स्थिति के साथ एनडीए सरकार का देश “तेजी से उभरती हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था” का दावा जनता को गुमराह कर रहा है। एलजीपी ने मांग की है कि कृषि, शिक्षा रोजगार-कुशल और गैर-कुशल दोनों पर ईमानदार और पारदर्शी और सुसंगत दृष्टिकोण- विकास को आगे बढ़ाने के लिए तत्काल आवश्यक है।

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