अर्बन मिरर समवाददाता
नई दिल्ली, 15 सितंबर: लोक गठबंधन पार्टी ने आज 1179 करोड़ रुपये के 1 9 मंत्रालयों में बड़े पैमाने पर हुए वित्तीय अनियमितताओं के लिए एनडीए सरकार की आलोचना जिनको भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में उजागर किया है । एलजीपी ने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं के 78 मामलों में सीएजी के आरोप ने एनडीए सरकार के कामकाज में ईमानदारी और पारदर्शिता की कमी को दर्शाया। एलजीपी ने कहा कि सरकार की कार्य प्रणाली में लापरवाही और भ्रष्टाचार की ईमानदार और पारदर्शी जांच किए जाने की जरूरत है।
पार्टी के प्रवक्ता ने शनिवार को यहां कहा कि रिपोर्ट ने 1 9 मंत्रालयों / विभागों और स्वायत्त निकायों / निगमों में गैर-कर राजस्व के नुकसान, बकाया राशि की वसूली, वित्तीय प्रबंधन में चूक, गैर-सरकारी ख़र्चों के मद के तहत अनियमितताओं को इंगित किया है। योजना दिशानिर्देशों / नियमों के अनुरूप, उपकरण की निष्क्रियता, परियोजना प्रबंधन में कमी, आंतरिक नियंत्रण में गलतियों, वेतन भुगतान में अनियमितताओं और टालने योग्य भुगतान करने इत्यादि जैसे तमाम मामलों को सी ऐ जी ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में उजागर किया है ।
प्रवक्ता ने कहा कि सीएजी ने इंगित किया है कि एनडीए सरकार को 1179 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि 1 9 मंत्रालय उनके लिए निर्धारित नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करने में असफल रहे है । प्रवक्ता ने कहा कि मानव संसाधन और विकास मंत्रालय में सबसे अनियमितताएं मिलीं, इसके बाद विदेश मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, उपभोक्ता मामले मंत्रालय और मंत्रालय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का नम्बर आता है ।
प्रवक्ता ने कहा कि एचआरडी मंत्रालय के तहत 31 परियोजनाएं 26 करोड़ रुपये के अनुदान के भुगतान पूरा होने के बावजूद लंबी अवधि के बाद भी अपूर्ण रहीं, जबकि 2.3 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए दो छात्रावास तीन साल से अधिक समय तक अप्रयुक्त बने रहे। इसी तरह विदेश मंत्रालय को कुछ देशों में कई मिशन / पदों के कारण 74 करोड़ रुपये का कम राजस्व संग्रह मिला, जिसमें मंत्रालय के अपने नियमों और वीज़ा के संशोधन या संशोधन से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि मानव संसाधन और विकास मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, और नौवहन मंत्रालय 89 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने में असफल रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट ने एनडीए सरकार के सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और पारदर्शिता के दावे को झूट साबित किया है।