पीएम आवास योजना का लक्ष्य हासिल करने में केन्द्र सरकार असफल रही ,प्रगति बहुत कमजोर: लोक गठबंधन पार्टी
अर्बन मीरर समवाददाता
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज कहा कि एनडीए सरकार प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत गरीबों के लिए घरों के निर्माण पर भ्रामक दावे कर रही है। एलजीपी ने कहा कि आंकड़ों से संकेत मिलता है कि योजना का कार्यान्वयन बेहद खराब है और श्रिदी रैली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए दावे को मौजूदा तथ्य बिल्कुल प्रमाणित नहीं करते है।
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि 2018 में नौ राज्यों में इस योजना के तहत स्वीकृत 20 लाख से अधिक घरों में से केवल 4.05 प्रतिशत जुलाई तक पूरा हो पाए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कुल 20,23,884 घरों में से केवल 82,143 घर पूरे किए गए थे। प्रवक्ता ने आगे कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रगति सबसे खराब है ।10-घर के लक्ष्य के बावजूद, हरियाणा भी एक भी निर्माण करने में नाकाम रहा, प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 89,426 घरों के निर्माण के लक्ष्य की तुलना में बहुत कम उपलब्धि की, और इसी तरह छत्तीसगढ़ में स्वीकृत 2,53,549 घरों का केवल 0.05 प्रतिशत (146) पूरा हो गया था। प्रवक्ता ने कहा कि संसदीय चुनाव के पास आने से भाजपा सरकार योजनाओं के पूरा होने के बिना ही लंबे दावों को करना शुरू कर दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि विशेष रूप से पीएम आवास योजना बहुत ही कमजोर तरीके से काम कर रहा है।
प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में इस योजना में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के बारे में कहा है कि पिछले डेढ सालों में तमाम शिकायतें इस योजना की कमजोर प्रगति के बारे में आती रहीं हैं। प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस संबंध में ग्रामीण इलाकों में गांव प्रधानों और अधिकारियों के भ्रष्ट गठबंधन काम कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि अगले महीने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव के दौरान एनडीए सरकार मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठे आंकड़े दिखा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए की इंदिरा आवास योजना की तरह, यह योजना भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त है और लक्षित लोगों तक योजना का फ़ायदा पहुँचाने के अपने लक्ष्य में विफल रही है।