सीबीआई को स्वायत्तता के साथ बदलाव की आवश्यकता है: लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मीरर समवाददाता

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी- सीबीआई- जिसकी छवि को राजनीतिकरण के कारण वर्षों से गहरा आघात लगा है उसमें संगठनात्मक और कार्यात्मक ओवरहाल की आवश्यकता है। एलजीपी ने कहा कि सीबीआई, जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा “कैद तोते” के रूप में कहा गया है, ने विश्वसनीयता खो दी है और शीर्ष नेतृत्व के बीच मौजूद विवाद ने उसकी कामकाजी क्षमता पर एक प्रश्न चिह्न लगाया है।
पार्टी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि सिर्फ निदेशक को दो साल का तय कार्यकाल पर्याप्त नहीं है। चूंकि वर्तमान स्थिति के बाद एजेंसी में आत्मविश्वास का संकट उभरा है, प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी को सभी राजनीतिक दबावों के ऊपर रखने के लिए उपाय करने का समय आ गया है। प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी की भरोसेमंदता अपने निम्न तर स्तर को छू रही है, सीबीआई में सुधार, जो लंबे समय से लटका रहा है, अब और भी जरूरी हो गया है। प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों के चयन के माध्यम से यह जाँच एजेन्सी सरकारी नियंत्रण मे है। इस प्रकार सुधार के एक हिस्से के रूप में सीबीआई को ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांत पर देश भर में उपलब्ध प्रतिभा के व्यापक सरकारी पूल से अपने कैडर को आकर्षित करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
सीबीआई को एक वैधानिक निकाय बनाने के लिए ताजा कानून बनाने पर बल देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि कई दशकों के अंतराल के बाद भी एजेंसी उन खंडों के तहत काम कर रही है जो पुराने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम और सर्वोच्च न्यायालय के प्रयासों से संस्थागत वैधता को आकर्षित करते हैं जिसके चलते राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से परिचालन आजादी सकारात्मक परिणामों को उत्पन्न करने में असफल रही है। प्रवक्ता ने कहा कि भ्रष्ट सत्तारूढ़ राजनीतिक दल एजेंसी को आजादी नहीं देना चाहते हैं क्योंकि यह उनके निहित हित के खिलाफ है। प्रवक्ता ने कहा कि जब तक एजेंसी को कानून-समर्थित स्वायत्तता प्रदान नहीं की जाती है, तो इसकी विश्वसनीयता का संकट जारी रखेगा। प्रवक्ता ने कहा कि संगठन को कार्यकारी, विधायिका और न्यायपालिका और एजेंसी समेत एक समिति की देखरेख और नियंत्रण में होना चाहिए।

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