पीएनबी बैंक लुटने के बाद अस्तित्व बचाने का संघर्ष कर रहा है वहीं नीरव मोदी विदेश में ऐश कर रहे हैं: लोक गठबंधन पार्टी

अर्बन मीरर समवाददाता

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: लोक गठबंधन पार्टी (एलजीपी) ने आज कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) हीरा व्यापारियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा 14000 करोड़ रुपये के लूट के बाद अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन अब तक इन दो आरोपी को वापस भारत लाने में शायद ही कोई प्रगति हो पाई है ।एलजीपी ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी के बाद बैंक को घरेलू वित्तीय शाखा और कुछ अन्य खंडों में 33% हिस्सेदारी बेचने के लिए मजबूर किया होना पड़ा है।

एलजीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यहां कहा कि सीबीआई, जो अब ख़ुद ही गम्भीर विवाद में फँस गई है, विदेशों में आराम तरह से भ्रमण करने वाले इन अपराधियों पर हाथ नहीं डाल पाई है और अब लगभग एक साल के अंतराल के बाद कई अन्य भ्रष्टाचार और लूट के नीचे मामलों की तरह ही इस लूट को भी शांति पूर्ण ढंग से दफ़न करने की कोशिश की जा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि यह अजीब बात है कि इंटरपोल चेतावनी के बावजूद दोनों अपराधी बिना भय के दुनिया भर में घूम रहे हैं और व्यवसाय कर रहे हैं जो दर्शाता है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय या तो असहाय हैं या राजनीतिक रूप से इस मामले में धीमी गति से चलने के दबाव में है जैसा कि ऐसे भ्रष्टाचार के मुद्दों में अतीत में भी हुआ है ।प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार ने जांच एजेंसियों को सशक्त बनाने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधियों के बारे में विधेयक पारित कर दिए हैं, लेकिन इससे किसी भी तरह से मदद नहीं मिली है। प्रवक्ता ने कहा कि पीएनबी घोटाले के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनाया गया नया कानून एक राजनीतिक प्रचार मात्र प्रतीत होता है।

प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि एक सुनियोजित आपराधिक साजिश इन अपराधीयों को देश से बाहर भगाने के लिए और पीएनबी लूटने में सहायता करने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। प्रवक्ता ने कहा कि मोदी और चोकसी के खिलाफ मामले के पंजीकरण के लगभग एक साल बाद भी, जांच एजेंसियां ​​उन्हें पकड़ने में कोई सफलता नहीं कर पाईं, जिससे उनके लचर और ख़राब कामकाज का संकेत मिलता है। प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आपराधिक मुकदमे के लिए उन्हें देश वापस लाने से बचाने के लिए प्रयास ज़्यादा अधिक हैं। प्रवक्ता ने कहा कि धोखाधड़ी ने बैंक की सुरक्षा प्रणाली और इसके रिकॉर्ड के रख-रखाव में कमजोरियों को उजागर किया है। प्रवक्ता ने कहा कि करीब 14,000 करोड़ रुपये पीएनबी धोखाधड़ी, बैंकिंग क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है और साफ़ है कि देश की बैंकिंग प्रणाली इस सम्बंध में अभेद्य सुरक्षा प्रणाली को विकसित करने में असफल रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि राजनेताओं और व्यापारियों ने साथ मिलकर बैंकिंग क्षेत्र और पूरी वित्तीय व्यवस्था को पतन के रास्ते पर धकेल दिया है।

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